ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज, विशेषकर बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लेकर बहुत सारी बातें हुई हैं. टेस्ट क्रिकेट में अश्विन के 449 विकेटों में से 226 विकेट बाएं हाथ के बल्लेबाजों को आउट कर आए हैं. ऑस्ट्रेलिया के इन-फॉर्म बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट अवार्डस में शेन वार्न मेन्स टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड जीता था. वह जानते हैं कि 9 फरवरी से नागपुर में अश्विन के खिलाफ उनका मुकाबला सबसे निर्णायक मैच में से एक होगा. यह भी पढ़ें: भारतीय टीम को डराने के लिए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने डाली पुरानी वीडियो, सोशल मीडिया पर फैंस ने किया ट्रोल
उन्होंने कहा, अश्विन एक बेहतरीन गेंदबाज हैं. वह बहुत कुशल हैं, उनके पास बहुत सारी विविधताएं हैं. वह क्रीज का भी काफी अच्छा उपयोग करते हैं। यदि आप मुझसे वही सवाल पूछते जब मैं छोटा था, तो शायद मैं जवाब नहीं दे पाता. बहुत सी बातें ऐसी हैं, क्योंकि मैं वास्तव में यह नहीं सीख पाया कि ऑफ स्पिनरों का सामना कैसे करना है.
उन्होंने सोमवार को 'द सिडनी मॉर्निग हेराल्ड' से कहा, "लेकिन यह वास्तव में उन अच्छी चुनौतियों में से एक है. यहां की पिचों से स्पिनरों को मदद मिलेगी. तो इन सब पर अच्छे से काम करने की जरूरत है। साथी ही मैं उनके खिलाफ कैसे खेलूंगा, इस पर भी विचार करने की जरूरत है."
ख्वाजा ने 2022 में 78.46 की औसत से 1020 रन बनाए, जिसमें तीन शतक शामिल हैं. वह यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि भारतीय परिस्थितियों में अपनी पहली पारी में कैसा प्रदर्शन करते हैं. ख्वाजा 2013 और 2017 में भारत के दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट टीम के सदस्य थे, लेकिन उन्हें मैच में खेलने का मौका नहीं मिला था.
उन्होंने कहा, वह उस तरह के गेंदबाज नहीं हैं, जो बार-बार एक ही काम करेंगे, वह आपको बाहर निकालने की कोशिश करेंगे. इसलिए मैं इसके लिए उत्सुक हूं। चार टेस्ट मैच लंबा समय है, इसलिए उम्मीद है कि मैं बेहतर कर सकता हूं.
ख्वाजा ने कहा कि भारतीय स्पिनरों का सामना करना ज्यादा मुश्किल होगा, जब वे टर्निग पिच पर नई गेंद से गेंदबाजी करेंगे. अगर यह एक अच्छा विकेट है, तो नई गेंद शायद बल्लेबाजी के लिए बेहतर हो. लेकिन भारत में पिच की स्थिति अलग होती है और आपको नई गेंद से गेंदबाजी करने वाले स्पिनर मिल जाते हैं, यह शायद कहीं भी बल्लेबाजी करने का सबसे कठिन समय होता है.