दोहा, 12 जून: फीफा विश्व कप क्वालीफायर में खराब रेफरिंग के कारण भारतीय फुटबॉल टीम को कतर से 1-2 से हार झेलनी पड़ी. एक बार फिर भारत फीफा विश्व कप के मंच पर इतिहास रचने से चूक गया. मैच के बाद भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने टीम के साथ हुई 'बेईमानी' पर आवाज उठाई है. यह भी पढ़ें: QAT Beat IND, FIFA World Cup 2026 Qualifiers: फीफा विश्व कप क्वालीफायर में क़तर ने भारत को 2-1 से हराया; टीम इंडिया की विश्व कप खेलने की उम्मीदें खत्म
भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने फीफा विश्व कप क्वालीफायर राउंड 2 मैच में कतर के विवादास्पद बराबरी के गोल को अपनी टीम के साथ अन्याय करार दिया.
भारत का फीफा विश्व कप क्वालीफायर के तीसरे दौर में क्वालीफाई करने का सपना एशियाई चैम्पियन कतर से विवादास्पद तरीके से 2-1 से हारने के बाद टूट गया.
यह पूरा मामला मैच के 73वें मिनट में हुआ. भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत ने कतर के खिलाड़ी युसूफ अयमन का एक हेडर रोका। इसके बाद गेंद गोल पोस्ट के पास लाइन के पार चली गई लेकिन अल हाशमी बॉल को अंदर लेकर आ गए, जिस पर अयमन ने गोल कर दिया.
इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने खेलना रोक दिया लेकिन रेफरी ने सीटी नहीं बजाई और कतर के खाते में गोल दे दिया. रिप्ले में साफ दिख रहा था कि फुटबॉल लाइन को क्रॉस कर चुकी है, यानी यहां पर खेल रुक जाना चाहिए था.
इस गलत फैसले के कारण भारत का ध्यान भटक गया और उसने अपनी लय खो दी. मैच में शुरुआत में आगे चल रही भारत 1-1 से बराबरी के बाद संघर्ष करता नजर आया. फिर, एशियाई चैम्पियन कतर ने 85वें मिनट में अहमद अल रावी की बदौलत अपना दूसरा गोल कर दिया और मैच अपने नाम करने में सफल रहा.
मैच के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच स्टिमक ने कहा, "इस मुकाबले में मेरे खिलाड़ियों के साथ अन्याय हुआ है. हम इस मैच को जीतने और तीसरे दौर के लिए क्वालीफाई करने के बहुत करीब थे, लेकिन एक गलत फैसले के कारण ऐसा नहीं हुआ. "कतर को बधाई. मैं कहूंगा कि दोनों देश अपने भविष्य पर गर्व कर सकते हैं क्योंकि सभी खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने दमदार फुटबॉल खेला और यह स्पष्ट था कि दोनों टीमों ने मैच का आनंद लिया."
कोच ने आगे कहा, "कतर भाग्यशाली रहा, खास तौर पर इसलिए क्योंकि वे 0-1 से पिछड़ने के बाद वापस आए. मैंने रीप्ले देखा है. वह गेंद लाइन से बाहर थी लेकिन फिर भी गोल दिया गया. आज के फुटबॉल में ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि उस गोल ने इस मैच में सब कुछ बदल दिया.
"यह कतर के साथ या किसी भी टीम के साथ हो सकता था, इसलिए मैं कोई बहाना नहीं ढूढ रहा हूं. मुझे बस दुख है कि जब आपके पास 23 लड़के हैं जो वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और कुछ हासिल करने के सपने को जी रहे हैं, लेकिन कुछ गलत फैसले के कारण उनका सपना टूट जाता है"