ICC Cricket World Cup 2019: विश्व कप का आगाज होने में बस कुछ ही महीनों का समय बाकी रह गया है. इस लिहाज से सभी क्रिकेट फैंस की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर में कौन-कौन से खिलाड़ी इस टीम में शामिल होंगे. गौरतलब है कि भारत 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में विश्व कप जीत चुका है. ऐसे में वर्तमान कप्तान विराट कोहली के कंधों पर ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वो भी धोनी की तरह टीम इंडिया को फिर से एक बार विश्व कप जीतवाए. ये बात सही है कि टीम इंडिया में कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो कि अमूमन सभी मैचों के लिए चुने जाते हैं. लेकिन टीम में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जिनके चयन पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. बहरहाल, आज हम आपको उन तीन खिलाड़ियों के बारे में बताने में जा रहे हैं जिन्हें अगर टीम में शामिल नहीं किया गया तो इसका खामियाजा भारतीय टीम को भुगतना पड़ सकता है.
1- युवराज सिंह:
एक ओवर में 6 छक्के मारने वाले युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के बल्ले का मूंह जब भी खुलता है तो मैदान में लंबे शॉट का सिलसिला शूरु हो जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2007 का टी-20 विश्व कप तथा 2011 का विश्व कप जिताने में सबसे बड़ा योगदान युवराज सिंह का ही था. यही कारण था की उन्हें 2011 विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट की ट्रॉफी से नवाजा गया था. हालांकि, 2011 के विश्व कप के दौरान उनका स्वास्थ अच्छा नहीं था फिर भी उन्होंने बल्ले तथा गेंद दोनों से ही शानदार प्रदर्शन किया था. वर्तमान टीम इंडिया में भी उनके जैसा उम्दा ऑल राउंडर कोई नहीं है. इस बात में कोई संदेह नहीं है की युवराज सिंह एक चैंपियन खिलाड़ी हैं. इस लिहाज से युवी की भूमिका विश्वकप के दौरान कितनी अहम होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
यह भी पढ़ें- ICC T20 World Cup 2020: ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा अगला विश्व कप, यहां पढ़ें पूरा शेड्यूल
2- सुरेश रैना:
अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर रैना ने तमाम मैचो में टीम को अकेले दम पर जीत दिलाई है. बहुत कम लोगों को पता है कि सुरेश रैना (Suresh Raina) पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हुआ करते थे. इतना ही नहीं इसके अलावा वो कभी-कभी गेंदबाजी भी कर लेते थे. अगर उन्हें एक पूर्ण खिलाड़ी कहा जाए तो बिलकुल भी गलत नहीं होगा. उनके जैसा खिलाड़ी मिलना सचमुच बहुत मुश्किल है. टीम को जब भी उनकी जरुरत महसूस हुई है तब-तब उन्होंने अपना योगदान दिया है. इसलिए रैना का विश्वकप खेलना बेहद ही जरुरी हो जाता है. अगर रैना टीम से बाहर रहते हैं तो इसका खामियाजा टीम इंडिया को बड़े पैमाने पर भुगतना पड़ सकता है.
यह भी पढ़ें- आखिर क्यों इस तेज गेंदबाज ने कहा भारतीय टीम को केवल विराट कोहली के उपर निर्भर नहीं रहना चाहिए?
3- रविचंद्रन अश्विन:
एक ऐसा दौर था जब खेल के मैदान में रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के नाम का डंका बजा करता था. लेकिन अब समय बदल चुका है. कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जैसे कलाई स्पिनरों के उदय के कारण अश्विन जैसे विश्व स्तरीय स्पिनर अब चयनकर्ताओं की नजरों से लगभग ओझल से हो गए हैं. हां इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अश्विन जैसे गेंदबाज में अभी भी काफी क्रिकेट बचा हुआ है और टेस्ट क्रिकेट में अब भी वो कप्तान कोहली की पहली पसंद हैं. वहीं अगर एक नजर इनके अबतक के वनडे करियर पर डालें तो, उन्होंने अब तक 111 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम 150 विकेट हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि उनका इकॉनामी रेट 4.92 का है. इसका मतलब ये है की वो रन देने के मामले में बहुत ज्यादा कंजूस हैं. इस लिहाज से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने शानदार लय में चल रहे इस खिलाड़ी को अगर विश्वकप में जगह नहीं मिलती है तो टीम का काफी नुकसान हो सकता है.