India National Cricket Team: भारतीय क्रिकेट में 'स्टार कल्चर' और 'पिक एंड चूज' रवैये का अंत करने की तैयारी में BCCI और गौतम गंभीर, 10 सूत्री नीति से अनुशासन और एकता को मिलेगी मजबूती

भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में लंबे समय से चली आ रही ‘स्टार कल्चर’ और खिलाड़ियों के ‘पिक एंड चूज’ रवैये को खत्म करने के लिए अब BCCI और टीम इंडिया के नए मुख्य कोच गौतम गंभीर पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई रोमांचक टेस्ट सीरीज में मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने इस सोच को और बल दिया है कि टीम में अब सभी को बराबरी से देखा जाए और किसी को भी 'विशेष अधिकार' न मिले.

बीसीसीआई का Logo(Photo Credit: X/@BCCI)

India National Cricket Team: भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में लंबे समय से चली आ रही ‘स्टार कल्चर’ और खिलाड़ियों के ‘पिक एंड चूज’ रवैये को खत्म करने के लिए अब BCCI और टीम इंडिया के नए मुख्य कोच गौतम गंभीर पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई रोमांचक टेस्ट सीरीज में मोहम्मद सिराज जैसे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने इस सोच को और बल दिया है कि टीम में अब सभी को बराबरी से देखा जाए और किसी को भी 'विशेष अधिकार' न मिले. इंग्लैंड दौरे में मोहम्मद सिराज ने 185.3 ओवर की गेंदबाज़ी करते हुए यह साबित कर दिया कि फिटनेस और जज्बा हो तो खिलाड़ी लगातार उच्च स्तर पर प्रदर्शन कर सकता है. सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और आकाश दीप जैसे तेज़ गेंदबाज़ों ने न सिर्फ भारत को इंग्लैंड में 2-2 की ऐतिहासिक बराबरी दिलवाई, बल्कि यह भी दिखाया कि अब टीम को स्टार नामों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज़ के बाद अब एशिया कप पर होगी नजर, टीम इंडिया की स्क्वाड में इन दिग्गजों को मिल सकता हैं मौका

गौतम गंभीर और चयन समिति एकमत

सूत्रों के अनुसार, गौतम गंभीर, चयन समिति के चेयरमैन अजीत अगरकर और बीसीसीआई एकमत हैं कि आने वाले समय में खिलाड़ी अपनी पसंद से सीरीज चुनने की छूट नहीं ले सकेंगे. ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ के नाम पर अहम मैचों से दूरी बनाने की प्रवृत्ति को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एक वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी के मुताबिक, "केंद्रीय अनुबंध वाले खिलाड़ियों को स्पष्ट संदेश दिया जाएगा कि अब से हर सीरीज अहम है. खासकर जो खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट खेलते हैं, उनसे उम्मीद की जाएगी कि वे चयन के लिए हमेशा उपलब्ध रहें."

10 सूत्री अनुशासन नीति की तैयारी

गौतम गंभीर और बीसीसीआई मिलकर एक 10-पॉइंट प्लान तैयार कर रहे हैं, जिसमें खिलाड़ियों के चयन, वर्कलोड, फिटनेस, मीडिया में व्यवहार, टीम के भीतर अनुशासन और टीम भावना को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश होंगे. इसका मकसद एक समान और पेशेवर टीम कल्चर विकसित करना है, जिसमें कोई खिलाड़ी टीम से ऊपर न हो.

'वर्कलोड' बहाने नहीं, जज्बा चाहिए – सुनील गावस्कर

पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी वर्कलोड मैनेजमेंट की आलोचना करते हुए कहा, "जब आप देश के लिए खेलते हैं, तो दर्द और थकान को भुलाना पड़ता है. क्या बॉर्डर पर खड़े जवान सर्दी की शिकायत करते हैं? मोहम्मद सिराज ने जो किया, वही असली भारतीय खिलाड़ी की पहचान है."

जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति पर सवाल

इंग्लैंड सीरीज में जसप्रीत बुमराह का पूरा टेस्ट सीरीज न खेल पाना भी बीसीसीआई के अंदर चर्चा का विषय बना हुआ है. अब इस बात पर भी नजर रखी जाएगी कि फिटनेस टीम द्वारा तय मापदंडों पर न कि व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर आधारित हो.

स्पोर्ट्स साइंस टीम में बदलाव

वर्कलोड मैनेजमेंट की मौजूदा प्रणाली पर सवाल उठने के बाद बेंगलुरु स्थित Centre of Excellence की स्पोर्ट्स साइंस टीम में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है. नितिन पटेल की विदाई के बाद अब नई टीम के साथ अधिक प्रभावी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की योजना है. गौतम गंभीर का यह कदम भारतीय क्रिकेट में एक नई सोच की शुरुआत हो सकता है. यदि यह 10 सूत्री नीति लागू होती है, तो इससे न केवल अनुशासन और टीम यूनिटी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि टीम इंडिया हर मैदान पर बिना किसी ‘स्टार’ या ‘वर्कलोड’ के बहानों के अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दे.

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