RCB में भी 50% आरक्षण? कर्नाटक में रिजर्वेशन कोटा विवाद पर नेटिजन्स ने कांग्रेस सरकार को किया ट्रोल

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के फैंस कर्नाटक सरकार के आरक्षण वाले विवादास्पद बिल पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने ऐलान किया था कि नौकरी के लिए प्राइवेट कंपनियों में लोकल लोगों को 100 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. हालांकि विवाद के बाद सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में आरक्षण वाले बिल को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

वहीं दूसरी तरफ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रैंचाइज़ी के समर्थकों में इस बिल को लेकर हलचल देखी गई. यह नया कानून व्यापार समुदाय को पसंद नहीं आया है. आरसीबी फैंस के लिए बड़ा सवाल यह है कि क्या यह बिल उनकी फेवरेट टीम को प्रभावित करेगा.

आपको बता दें कि IPL फ्रैंचाइजी कर्नाटक में संचालित एक निजी संस्था होने के नाते नए आरक्षण कानून के अधीन हो सकती है. जिसकी वजह से टीम में खिलाड़ियों के सेलेक्शन पर प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि, इस कानून के तहत खेल फ्रैंचाइज़ी का कैसे व्यवहार किया जाएगा, इसके बारे में स्पष्टता अभी भी नहीं है.

जनता का विरोध और ऑनलाइन बवाल

बिल लाए जाने से न केवल व्यापार क्षेत्र में प्रतिक्रिया हुई है बल्कि सोशल मीडिया पर भी हंगामा मच गया है. नेटिजन्स कांग्रेस सरकार को ट्रोल कर रहे हैं. बिल के राज्य के व्यावसायिक माहौल पर संभावित प्रभाव की आलोचना कर रहे हैं और इसकी व्यावहारिकता पर सवाल उठा रहे हैं.

यूजर्स के सवाल

अन्य राज्यों में इसी तरह के कदम

कर्नाटक का यह बिल हरियाणा सरकार के एक समान प्रयास की तरह है, जिसने राज्य के निवासियों के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण की आवश्यकता वाले एक बिल को पेश किया था. इस बिल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा और बाद में 17 नवंबर, 2023 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इसे रद्द कर दिया. कर्नाटक के बिल का भाग्य अनिश्चित है, और इसकी संभावित कानूनी लड़ाई काफी ध्यान खींचने वाली है.

बड़े व्यापारिक नेताओं और तकनीकी उद्योग के दिग्गजों ने भी इसका विरोध करते हुए तर्क दिया है कि ऐसा बिल कर्नाटक में निजी उद्यमों की लचीलापन और परिचालन दक्षता को बाधित कर सकता है.