कुछ दिनों से धार्मिक किताबों की मांग बढ़ गई है, खासकर रामचरितमानस के लिए काफी ज्यादा मांग हैं, ऐसे में मांग कि पूर्ति करने के लिए बेंगलुरु और जापान से अत्याधूनिक मशीनें मंगाई गईं. गोरखपुर गीता प्रेस के मैनेजर लाल मणि त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि दो मशीनें आ चुकी है और एक मशीन जापान से दिल्ली पहुंच रही है. गीता प्रेस पर लोगों का विश्वास 100 साल से है, इसलिए वो गीता प्रेस की ही रामचरितमानस की क़िताबें पढ़ते है. त्रिपाठी ने बताया कि अब लोग गिफ्ट करने के लिए भी रामचरितमानस को ले रहें हैं. कुछ दिनों पहले 75 हजार रामचरितमानस की प्रतियों की आपूर्ति करते थे, लेकिन अब सव्वा लाख किताबों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इसकी मांग और बढ़ेगी. यह भी पढ़े :Mahashivratri 2024: इस बार कब मनाईं जाएगी महाशिवरात्रि, जाने तिथि और मुहूर्त और पूजा विधि

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