प्रो. शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने सोमवार को जेएनयू के कुलपति के पद का कार्यभार ग्रहण किया. वह जेएनयू की पहली महिला वीसी हैं. इस बीच बीजेपी नेता वरुण गांधी ने उनके हस्ताक्षर वाली प्रेस रिलीज में व्याकरण संबंधी कई गलतियां निकाली है और कहा है कि ऐसी औसत नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नया कुलपति नियुक्त किया है. इस पद पर उनकी नियुक्ति पांच वर्षों के लिये है. पिछले साल जेएनयू के कुलपति के तौर पर अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद से एम जगदीश कुमार कार्यवाहक कुलपति के तौर पर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे थे. कुमार को अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
This press release from the new JNU VC is an exhibition of illiteracy,littered with grammatical mistakes (would strive vs will strive;students friendly vs student-friendly;excellences vs excellence).Such mediocre appointments serve to damage our human capital & our youth’s future pic.twitter.com/tSanmy3VfR
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 8, 2022
प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित #JNUVC बनी हैं। अद्भुत महिला हैं। JNU की टॉपर रही हैं। 28 वर्ष की उम्र में डॉक्टरेट उपाधि लेने के बाद स्वीडन के विश्वविद्यालय में पढ़ाई की।
मद्रास विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडलिस्ट।तेलुगू, तमिल, मराठी, हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेज़ी भाषा जानती हैं।
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी 🇮🇳Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) February 7, 2022
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