Married Life Cannot Be Disturbed For Trial: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ मुकदमे के लिए किसी की शादीशुदा ज़िंदगी में खलल नहीं डाला जा सकता है. कोर्ट ने आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच समझौते के आधार पर बलात्कार के मामले को रद्द करते हुए कहा कि एफआईआर में सुनवाई के लिए उनके विवाहित जीवन को परेशान नहीं किया जा सकता. जस्टिस अमरजोत भट्टी ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) (एन), 506 के तहत अपराध गंभीर अपराध है और सीआरपीसी की धारा 320 के तहत गैर-समाधानीय है लेकिन पूर्ण न्याय करने और युगल के भविष्य की रक्षा के लिए समझौता उनके बीच पहुंचे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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‘Their Married Life Cannot Be Disturbed For Sake Of Trial’: Punjab And Haryana High Court Quashes Rape Case As Accused Marries ‘Victim’ @AimanChishti #Compromise https://t.co/BpoKvsrp2i
— Live Law (@LiveLawIndia) April 20, 2023
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