Suspicious Strawberries in Market: नेटिज़ेंस ने पुणे के बाजार में 'संदिग्ध' स्ट्रॉबेरी के बारे में शिकायत की थी. इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा हुई. अब इन बढ़ती शिकायतों पर राज्य एफडीए ने संज्ञान लिया है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने मिलावट के खिलाफ जंग छेड़ दी है. एफडीए ने रविवार को एक जागरूकता अभियान शुरू किया और नागरिकों से मिलावटी खाद्य पदार्थ, फल या सब्जियां खाते समय सतर्क रहने का आग्रह किया. लोग FDA को संदिग्ध उत्पादों के साक्ष्य के रूप में वीडियो और चित्र सबमिट करके अभियान में योगदान दे सकते हैं. यह बात तब सामने आई है जब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने पुणे के मॉल्स में लाल रंग की संदिग्ध स्ट्रॉबेरी की ओर इशारा किया. अधिकारियों ने कहा कि इसके बाद लोगों को न केवल खाने के बारे में बल्कि फलों में मिलावट के बारे में भी जागरूक करना जरूरी है.

ऐसे ही स्ट्रॉबेरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें स्ट्रॉबेरी के एक डिब्बे से लाल रंग का पानी रिसता नजर आ रहा है. कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित शाह ने रासायनिक भोजन और फलों से होने वाली घातक बीमारियों की पुष्टि करते हुए कहा, '2035 तक भोजन से जुड़ी बीमारियां सबसे घातक जानलेवा बीमारियों के रूप में सामने आएंगी.आजकल उपभोक्ताओं को धोखा देने के लिए हानिकारक रसायनों, कीटनाशकों और कृत्रिम रंगों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. तरबूज़, सेब और स्ट्रॉबेरी जैसे फलों पर रसायनों और रंगों का उपयोग किया जाता है. कभी पौष्टिक रहने वाले ये फल अब खतरनाक हो गए हैं. तो ऐसे फलों का सेवन कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.

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