सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि नफरत भरे भाषण देश में माहौल खराब कर रहे हैं और इसे रोकने की जरूरत है. भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान की यह टिप्पणी की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस तरह के भाषणों के खिलाफ सरकारी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
याचिकाकर्ता हरप्रीत मनसुखानी ने व्यक्तिगत रूप से पेश होते हुए कहा कि 2024 के आम चुनावों से पहले भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए अभद्र भाषा दी गई थी. पीठ ने कहा, "आप सही कह रहे हैं कि इन नफरत भरे भाषणों से पूरा माहौल खराब हो रहा है और इसे रोकने की जरूरत है."
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उसने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के उन बयानों का हवाला दिया है जिनमें दावा किया गया था कि अल्पसंख्यक मारे गए. CJI ललित ने टिप्पणी की, "इन मामलों में सामान्य आपराधिक कार्यवाही की जानी है. हमें देखना होगा कि कौन शामिल है और कौन नहीं."
नफरत फैलाने वाले भाषणों से माहौल खराब, बंद करने की जरूरत: सुप्रीम कोर्टhttps://t.co/dGlrGcnukY
— बार & बेंच - Hindi Bar & Bench (@Hbarandbench) October 10, 2022
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