बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी रिश्ते में एक व्यक्ति को केवल इसलिए रेप का दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्यों कि दोनों के बीच चीजें ख़राब हो गई और रिश्ता शादी में नहीं बदल पाया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपनी प्रेमिका के बलात्कार के आरोपी को आरोप मुक्त करते हुए कहा, 'दोनों के बीच यौन संबंध केवल शादी के वादे पर नहीं थे बल्कि इसलिए भी थे क्योंकि महिला आरोपी से प्यार करती थी.'

अदालत ने पाया कि दोनों 8 साल से एक लंबे रिश्ते में थे, और यह नहीं कहा जा सकता कि उसने सेक्स के लिए केवल इसलिए सहमति दी क्योंकि वह गलत धारणा में थी कि वह उससे शादी करने जा रहा है.

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