High Court Said Human Beings Right To Choose Sex Or Gender:  राजस्थान हाई कोर्ट ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि मनुष्य का सेक्स या लिंग चुनने का अधिकार आत्मनिर्णय, गरिमा और स्वतंत्रता के सबसे बुनियादी पहलुओं में से एक है. राजस्थान उच्च न्यायालय ने कहा कि मनुष्य का अपना सेक्स या लिंग पहचान चुनने का अधिकार उसके व्यक्तित्व का अभिन्न अंग है. न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड ने कहा कि यौन अभिविन्यास या लैंगिक पहचान के आधार पर भेदभाव के बिना, हर कोई सभी मानवाधिकारों का आनंद लेने का हकदार है, जो जीवित रहने के लिए एक बुनियादी आवश्यकता है.

उच्च न्यायालय ने कहा लैंगिक पहचान जीवन का सबसे मूलभूत पहलू है जो किसी व्यक्ति के पुरुष या महिला होने के आंतरिक मूल्य को संदर्भित करता है.  हमारे संविधान द्वारा समानता के अधिकार की गारंटी दी गई है जो कि हमारा मूल मौलिक अधिकार है. इस ग्रह पर हर किसी को सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार करने का अधिकार है, चाहे वह पुरुष हो या महिला या कोई अन्य लिंग.

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