Rajasthan HC  On Gehlot Judiciary Statement: सीएम अशोक गहलोत के ज्यूडिशियरी पर दिए गए बयान पर राजस्थान हाईकोर्ट ने नोटिस कर तीन हप्ते में जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने कहा कि जो बयान गहलोत ने दिया है वह प्रथम दृष्टया न्यायालयों को बदनाम करने वाला लग रहा, क्योंकि यह किसी विशेष मामले या मामलों की कैटेगरी के संदर्भ में नहीं है बल्कि न्यायापालिका के खिलाफ सामान्य प्रकृति का है. दरअसल गहलोत ने अपने बयान में कहा था कि "आज न्यायपालिका में बहुत भ्रष्टाचार हो रहा है. कई वकील जो लिखकर देते हैं, वही फैसला आता है.न्यायपालिका के अंदर क्या हो रहा है? स्थिति गंभीर है और देशवासियों को इस बारे में सोचना चाहिए.

वहीं आगे अपने बयान में गहलोत  ने कहा था कि "मैंने कई नामों की सिफारिश भी की है, जो जज बन गए, लेकिन मैंने बाद में उनसे संपर्क नहीं किया. मैंने न्यायपालिका, आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग), या एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) में कभी हस्तक्षेप नहीं किया.मैंने अपने जीवन में इन संस्थानों के मामलों में कभी भी हस्तक्षेप नहीं किया है.

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