दिल्ली (Delhi) की ऐतिहासिक इमारत कुतुब मीनार (Qutub Minar ) के परिसर में रखी मूर्तियों की पूजा को लेकर साकेत कोर्ट आज सुनवाई हुई. कुतुब मीनार परिसर में कथित मंदिरों के जीर्णोद्धार की अपील के संबंध में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह द्वारा दायर एक हस्तक्षेप आवेदन का विरोध किया है, जिसमें यमुना और गंगा नदी के बीच आगरा से मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर और गुड़गांव तक अधिकार की मांग की है.
एएसआई द्वारा दायर जवाब में, प्राधिकरण ने तर्क दिया है कि हस्तक्षेप आवेदन इस कारण से खारिज करने योग्य है कि सिंह ने विशेष रूप से अपील में किसी भी अधिकार का दावा नहीं किया है और उनके पास पक्ष के रूप में पक्षकार होने का कोई अधिकार नहीं है.
एएसआई ने आगे तर्क दिया है कि सिंह ने कई राज्यों में बड़े और विशाल क्षेत्रों के अधिकारों का दावा किया था, हालांकि, वह पिछले 150 वर्षों से बिना किसी अदालत के सामने कोई मुद्दा उठाए बिना इस पर बेकार बैठे थे.
बता दें कि साकेत कोर्ट (Saket Court) में दायर मुकदमे में दिल्ली की निचली अदालत को कुतुब मीनार परिसर में पूजा की मांग वाली याचिका पर फिर से सुनवाई करने और इस पर पुनर्विचार की मांग की गई है.भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) (Archaeological Survey of India) इस याचिका का विरोध कर रही है.कुतुब मीनार को 1993 में यूनेस्को (UNESCO) ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.इस समय यह परिसर एएसआई के संरक्षण में है.
[Qutub Minar Row] "Was Sitting Idle For Last 150 Yrs": ASI Opposes Intervention Claiming Title Of Land Between Ganga & Yamuna From Agra To Gurugram @nupur_0111 https://t.co/wIlhSZvTvm
— Live Law (@LiveLawIndia) August 24, 2022
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