दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोक सेवा दिवस 'सिविल सर्विस डे' के मौके पर देश के प्रशासनिक अधिकारियों का सम्मान किया. इस दौरान उन्हों कई बड़ी बातें कही. पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा "देश में सैंकड़ों कानून ऐसे थे, जो देश के नागरिकों के लिए बोझ बन गए थे. प्रधानमंत्री बनने के बाद पहले 5 साल में मैंने 1,500 ऐसे कानून खत्म किए."

प्रधानमंत्री ने कहा "हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए। पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए और उसे इसका एहसास भी हो, दूसरा- आज हम भारत में कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है. तीसरा- व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है."

इसके आगे उन्होंने कहा हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते हैं इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों और परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30-40 साल लग जाते थे तब ऐसा चलता होगा, लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल-पल के हिसाब से चलना पड़ेगा.

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