HC on Sexual Harassment Case: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच का फैसला, नाबालिग का पीछा करना यौन उत्पीड़न के बराबर, अदालत से युवक को नहीं मिली राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने अमरावती की रहने वाली एक 13 वर्षीय स्कूल की नाबालिग के यौन उत्पीड़न के संबंध के एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि एक वयस्क द्वारा नाबालिग लड़की का लगातार पीछा करना यौन उत्पीड़न माना जाता है.

HC on Sexual Harassment Case: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने अमरावती की रहने वाली एक 13 वर्षीय स्कूल की नाबालिग के यौन उत्पीड़न से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि एक वयस्क द्वारा नाबालिग लड़की का लगातार पीछा करना  यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न माना जाता है.  ऐसे में नीचली  अदालत द्वारा  उसके खिलाफ सुनाए गए सजा में किसी तरह की राहत नहीं मिल सकती है.

मामले में नागपुर बेंच के जस्टिस सानप ने कहा कि नाबालिग की बेरुखी के बावजूद युवक ने स्कूल जाते समय उसका पीछा करना नहीं छोड़ा था. उसका आचरण और व्यवहार उसके इरादे को दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं. उसकी मंशा बिल्कुल अच्छी नहीं थी. पीड़िता का साक्ष्य यह साबित करने के लिए काफी है कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया है.  नीचली अदालत ने  जिस युवक के खिलाफ सजा सुनाई है. उसकी उम्र 28 साल है.

यौन उत्पीड़न मामले में  युवक को नहीं मिली राहत:

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