केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक व्यक्ति (याचिकाकर्ता) की शिकायत के समाधान में देरी पर भारतीय रेलवे की खिंचाई की, जो एक रेलवे पुलिसकर्मी की बंदूक से गोली चलने के बाद घायल हो गया था.
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हिकृष्णन ने पीड़ित को मुकदमेबाजी में अनावश्यक रूप से घसीटने के लिए रेलवे की आलोचना की और अधिकारियों से ऐसी शिकायतों को अधिक समयबद्ध तरीके से संबोधित करने का आग्रह किया, ताकि जनता का विश्वास कायम हो सके.
न्यायाधीश ने कहा, "रेलवे 'वंदे भारत', 'राजधानी', 'जन शताब्दी' आदि जैसी तेज़ ट्रेनें शुरू कर रहा है. लेकिन रेलवे को नागरिकों को मुकदमेबाजी में घसीटे बिना नागरिकों में विश्वास पैदा करने के लिए स्पीड ट्रैक में भी नागरिकों की इस प्रकार की शिकायतों का निवारण करना चाहिए." कोर्ट ने रेलवे को याचिकाकर्ता को ₹8.2 लाख का मुआवजा देने का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की.
Indian Railway which introduces fast trains like Vande Bharat should also speedily redress citizens' grievances: Kerala High Court
report by @SaraSusanJiji https://t.co/XNXALMhMJI
— Bar & Bench (@barandbench) July 21, 2023
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