दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम कानून के अनुसार, एक नाबालिग लड़की जो यौवन की आयु प्राप्त कर चुकी है, वह अपने माता-पिता की सहमति के बिना शादी कर सकती है और उसे अपने पति के साथ रहने का अधिकार है, भले ही उसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो. दरअसल दंपति ने याचिका दायर कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की थी कि कोई उन्हें अलग न करे.

लड़की के माता-पिता ने शादी का विरोध किया और प्राथमिकी दर्ज की. वहीं लड़की के अनुसार, उसे उसके माता-पिता द्वारा नियमित रूप से पीटा जाता था जिसके बाद उसने अपनी मर्जी से भागकर शादी कर ली थी.

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