इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति और उसकी प्रेमिका को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा और सजा को बरकरार रखा. शख्स ने 2011 में अपनी पत्नी को केवल इसलिए मार दिया था क्योंकि वह उनके अवैध संबंधों का विरोध करती थी. जस्टिस कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की बेंच ने कहा कि ऐसे व्यक्ति किसी भी तरह की उदारता के हकदार नहीं हैं क्योंकि वे समाज में एक काला धब्बा हैं.

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