असम सरकार के आदेश पर बाल विवाह को लेकर लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं. ऐसे में अब इस मामले पर गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि इस तरह के मामलों में बड़ी संख्या में गिरफ्तारियों से लोगों के निजी जीवन में तबाही पैदा हो सकती है. अदालत ने कहा कि इस तरह ऐसे मामलों में अब आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है.  हाई कोईट ने पॉक्सो जैसे कठोर कानून और बाल विवाह के आरोपियों पर रेप के आरोप लगाने के लिए असम सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये बेहद अजीब आरोप हैं. जस्टिस सुमन श्याम ने सभी याचिकाकर्ताओं को तत्काल प्रभाव से जमानत पर रिहा करने की मंजूरी दी.

हाई कोर्ट ने कहा कि यह हिरासत में पूछताछ का मामला नहीं है. आप कानून के अनुसार कार्रवाई ही कर सकते हैं. अगर कोई दोषी मिलता है तो उसके खिलाफ चार्जशीट दायर करें. बता दें कि 14 फरवरी तक बाल विवाह के मामलों में अब तक 4225 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 3031 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यह कार्रवाई तीन फरवरी को शुरू हुई थी.

(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)