कर्नाटक उच्च न्यायालय ने छह साल के रिश्ते के बाद शादी के वादे के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बेंगलुरु के एक व्यक्ति के खिलाफ एक महिला द्वारा लाई गई दो आपराधिक कार्यवाही को खारिज कर दिया, इसे कानूनी प्रणाली के शोषण का एक पाठ्यपुस्तक उदाहरण माना. याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता सोशल नेटवर्किंग साइट पर मिलने के बाद एक, दो, तीन, चार या पांच नहीं बल्कि छह साल तक सहमति से शारीरिक/यौन संबंध में रहे हैं. अदालत ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह विवरण शिकायत में भी वर्णित है.

शिकायत के अनुसार, दिसंबर 2019 से दोनों के बीच शारीरिक संबंध कम हो गए. अदालत ने कहा- 6 साल के स्वैच्छिक संभोग के बाद अंतरंगता खत्म होने का मतलब यह नहीं हो सकता कि इसमें बलात्कार के घटक शामिल होंगे.

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