Railways Spent Rs 69 Lakh To Catch Rats: भारतीय रेलवे ने एक चूहा पकड़ने के लिए 41 हजार रुपये खर्च कर दिए. बाकायदा एक आरटीआई के जवाब में उत्तर रेलवे ने कहा है कि उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल द्वारा प्रति चूहा पकड़ने पर करीब 41 हजार रुपए खर्च किए गए हैं.
मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर ने सवाल किया था कि उतर रेलवे को चूहा पकड़ने पर कितना खर्चा आता है. जवाब में बताया गया कि उत्तर रेलवे के लखनऊ डिवीजन ने 168 चूहों को पकड़ने के लिए वर्ष 2020 से 2022 के बीच 69.5 लाख रुपये खर्च किए.
प्रति वर्ष चूहा पकड़ने पर 23.2 लाख रुपये की राशि खर्च हुई. अब अगर प्रति चूहे का हिसाब किया जाए तो प्रति चूहा पकड़ने पर 41 हजर रुपये से थोड़ा अधिक खर्च किया गया.
चूहों को पकड़ने के लिए रेलवे ने खर्च कर दिए 69 लाख
◆ एक चूहे को पकड़ने के लिए रेलवे ने खर्चे 41 हजार खर्च
◆ RTI के जवाब में हुआ खुलासा, उत्तर रेलवे की लखनऊ डिवीजन ने बताया
Northern Railway to capture Rats | #IndianRailways #Railways #RatCapture #RTI pic.twitter.com/k7XJTwiH3T
— News24 (@news24tvchannel) September 16, 2023
आरटीआई जवाब के अनुसार, "मैसर्स सेंट्रल वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन, गोमती नगर, लखनऊ” को अनुबंध के आधार पर चूहे को फंसाने के लिए काम पर रखा गया है. यह अनुबंध 2019 से जारी है. अंबाला डिवीजन ने कहा कि अप्रैल 2020 और मार्च 2023 के बीच, उसने कीट नियंत्रण, कृंतक नियंत्रण और धूमन उपचार के लिए 39.3 लाख रुपये खर्च किए. लेकिन उसने यह नहीं बताया कि चूहा पकड़ने पर अलग से खर्च की जानकारी क्या है.
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)