Fact Check: व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज में दावा- केंद्र सरकार कोरोना के चौथे चरण के लिए दे रही है रिलीफ फंड, जानें खबर की सच्चाई
व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना महामारी के चौथे चरण को देखते हुए केंद्र सरकार लोगों को कोरोना रिलीफ फंड दे रही हैं. ऐसे में जिन्हें इस फंड का लाभ चाहिए. वह इसके लिए एप्लाई कर इसका लाभ ले सकता है. लेकिन पीआईबी की जांच में यह खबर फेक पाई गई है.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच सोशल मीडिया पर आए दिन तरह- तरह की फर्जी खबरें वायरल हो रही है. अभी इसी हफ्ते सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई थी कि भारत सरकार 3 महीने के लिए 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं को मुफ्त इंटरनेट सुविधा प्रदान कर रही है. हालांकि पीआईबी के जांच में यह खबर फेक निकली. कुछ इसी तरह से व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर एक ऐसा ही मैसेज वायरल हो रहा है. वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि, कोरोना महामारी के चौथे चरण को देखते हुए केंद्र सरकार कोरोना रिलीफ फंड (COVID-19 Relief Fund) दे रही हैं. ऐसे में जिन्हें इस फंड का लाभ चाहिए. वह इसके लिए एप्लाई कर सकता है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे मैसेज में लिखा गया है कि गवर्मेंट फेज 4 कोविड-19 रिलीफ फंड सरकार की तरफ से दिया जा रहा है. इसके लिए तुरंत एप्लाई करें. एप्लाई करने के लिए कुछ स्टेप से गुजरना होगा. इस अवसर को बेकार ना जाने दें. इसी के साथ एक लिंक दिया गया है. हालांकि जब इसकी सत्यता पीआईबी (PIB) की तरफ से चेक की गई है. यह खबर फेक पाई गई. जिसके बाद पीआईबी की तरफ से ट्वीट कर ऐसे खबर पर भरोसा नहीं करने के साथ ही सावधान रहने को कहा गया. यह भी पढ़े: Fact Check: वैक्सीन लगी बांह में बिजली का करंट? जल जाता है बल्ब! जानें वायरल वीडियो का सच
PIB Fact Check:
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली खबरों को लेकर पीआईबी की तरफ से लगातर कहा जा रहा है कि लोग ऐसे खबरों पर भरोसा तब तक ना करें, जब तक इस तरह की ख़बरों की सत्यता जांच ना लें. नहीं तो आपकी जानकारी लेकर इसका गलत फायदा उठाने के साथ ही आपके साथ धोखा हो सकता है. पीआईबी के साथ ही लेटेस्टली मीडिया भी अपने पाठकों से अनुरोध कर रहा है कि वे इस तरह की खबरों से बचे. क्योंकि इस तरह की खबरों को लेकर लोगों को चिट का शिकार होना पड़ रहा है
Fact check
केंद्र सरकार कोरोना के चौथे चरण के लिए दे रही है रिलीफ फंड
पीआईबी के फैक्ट चेक में इसे फेक पाया गया