उत्तर प्रदेश: डॉक्टरों की टीम ने किया कमाल, युवती की बड़ी आंत काटकर बनाया उसका जननांग
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया है. उन्होंने एक युवती की बड़ी आंत को काटकर उसका जननांग बना दिया है. पीड़ित युवती को जन्म से ही न तो गर्भाशय था और न ही जननांग. डॉक्टरों की टीम में इस जटिल ऑपरेशन को मुफ्त में किया है.
डॉक्टर (Doctor) भगवान का दूसरा रूप होते हैं और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) स्थित केजीएमयू अस्पताल (KGMU Hospital) के डॉक्टरों ने इस कहावत को एक युवती के लिए सच कर दिखाया है. बता दें कि केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग (Urology Department) के डॉक्टरों ने एक ऐसी युवती का सफल ऑपरेशन किया है, जिसके पास जन्म से ही न तो गर्भाशय (Uterus) था और न ही जननांग (Genital). इसके अलावा यह युवती दिल के वॉल्व की खराबी, गुर्दे और रीढ़ की हड्डी की कुल 9 बीमारियों से पीड़ित थी. डॉक्टरों ने युवती के इस जटील केस की चुनौती को स्वीकर करते हुए ऑपरेशन के दौरान उसकी बड़ी आंत को काटकर उससे उसका जननांग बना दिया, जिसके बाद न सिर्फ युवती को जननांग मिला है, बल्कि वो शादी करके वैवाहिक जीवन का आनंद भी उठा सकेगी.
इस ऑपरेशन को कामयाब बनाने वाले डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में इस तरह के सिर्फ दो ही जटिल ऑपरेशन हो पाएं हैं, जबकि भारत में इस तरह का यह पहला जटिल ऑपरेशन था. डॉक्टर विश्वजीत का कहना है कि युवती को 15 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था, हालांकि शुरुआत में कुछ दिन दवाएं चलाई गईं. इसके बाद ऑपरेशन करके उसके पेट से बड़ी आंत का करीब पांच सेंटीमीटर टुकड़ा निकाला गया और उसी टुकड़े से उसका जननांग बनाया गया. यह भी पढ़ें: ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में से निकले चाभियां, सिक्के और ब्लेड जैसी 38 धातुएं, डॉक्टर भी देखकर रह गए हैरान
बताया जाता है कि रायबरेली की एक युवती को जब उम्र होने के बाद भी मासिक धर्म नही हुआ तो घरवालों ने उसे केजीएमयू में दिखाया. जहां डॉक्टर विश्वजीत ने उसकी जांच की. जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि युवती एमआरकेएच सिंड्रोम (MRKH Syndrome) से पीड़ित है यानी जन्म से ही उसके शरीर में गर्भाशय और जननांग नहीं है. इसके बाद डॉक्टर ने जब उसके शरीर के लिए जरूरी दूसरे जांच किए तो पता चला कि उसके दिल के वॉल्व में खराबी है और एक किडनी भी नहीं है. उसकी रीढ़ की हड्डी में भी परेशानी थी, बावजूद इसके डॉक्टरों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और ऑपरेशन करने का फैसला किया.
गौरतलब है कि यह बीमारी पांच हजार लोगों में किसी एक को होती है. डॉक्टर विश्वजीत के अनुसार, यह वजाइनोप्लास्टी टाइप टू केस था, जिसमें मरीज को कई अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं. हालांकि इसका ऑपरेशन निजी अस्पताल में काफी मुश्किल था, लेकिन मरीज बीपीएल धारक था, इसलिए आयुष्मान योजना के तहत युवती का ऑपरेशन मुफ्त में किया गया. सफल ऑपरेशन के बाद शनिवार को युवती को डिस्चार्ज कर दिया गया.