राजस्थान, 5 जनवरी : मनुष्य के नवाचार की कोई सीमा नहीं है. अपनी बुद्धि के बल पर मनुष्य जहाँ कठिन गुत्थियां सुलझा लेता है, वहीं उसके नवोन्मेष से पृथ्वी पर जीवन सुगम होता है. कुछ भी नया रचने की प्रेरणा मनुष्य को तब मिलती है, जब उसे उस वस्तु की आवश्यकता होती है या किसी समस्या को सुलझाने की ओर उसकी दृष्टि पड़ती है. आज राजस्थान के ऐसे दो युवाओं से आपका परिचय करवाते हैं, जिन्होंने ई-अपशिष्ट से हो रहे प्रदूषण को कम करने के लिए एलोवेरा से बैटरी का निर्माण किया.
निमिषा और नवीन एलोवेरा से बना रहे बैटरी
रेतीले राजस्थान में एलोवेरा (घृतकुमारी) बहुतायात में पाया जाता है. औषधीय गुणों से युक्त एलोवेरा लाभकारी तो है ही, पर आश्चर्य यह है कि इस एलोवेरा के सहारे बैटरी बनाई जा सकती है. राजस्थान के दो युवाओं निमिषा और नवीन ने एलोवेरा के सहारे बैटरी का निर्माण किया है. ई-अपशिष्ट को कम किया जा सके इसीलिए प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके, वे बैटरी का निर्माण कर रहे हैं.
क्या है ई-अपशिष्ट
ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो पुराने हो गए और किसी काम में नहीं आते उन्हें ई-अपशिष्ट कहा जाता है. इसमें पारा, सीसा, कैडमियम, जैसे विषाक्त पदार्थ होते हैं जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक होते हैं. समावेशी विक%87+%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82+%E0%A4%AC%E0%A5%88%E0%A4%9F%E0%A4%B0%E0%A5%80%2C+%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B5+%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0+%E0%A4%AA%E0%A4%B0+%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%A4+%E0%A4%B9%E0%A5%88+%E0%A4%87%E0%A4%A8%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A4%85%E0%A4%AA+https%3A%2F%2Fhindi.latestly.com%2Fsocial-viral%2Ftwo-youngsters-from-rajasthan-are-making-batteries-from-aloe-vera-their-startup-is-globally-rewarded-794056.html&link=https%3A%2F%2Fhindi.latestly.com%2Fsocial-viral%2Ftwo-youngsters-from-rajasthan-are-making-batteries-from-aloe-vera-their-startup-is-globally-rewarded-794056.html&language=hi&handle=LatestLY&utm_source=Koo&utm_campaign=Social', 650, 420);" title="Share on Koo">