तमिलनाडु: सांड को मेडल जीताने के लिए इस महिला ने नहीं की शादी, जाने पूरी कहानी
शादी इंसान की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. एक उम्र के बाद शादी करना बहुत जरुरी हो जाता है क्योंकि शादी इंसान को अकेलेपन से बचाता है और जिंदगी जीने का कारण देता है. लोग अपनों के लिए कोई भी कुर्बानी देने से कतराते हैं...
शादी इंसान की जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. एक उम्र के बाद शादी करना बहुत जरुरी हो जाता है क्योंकि शादी इंसान को अकेलेपन से बचाता है और जिंदगी जीने का मकसद देता है. लोग अपनों के लिए कोई भी कुर्बानी देने से कतराते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिसने एक सांड के लिए शादी नहीं की. इस महिला ने सांड रामू के लिए आसानी से शादी करने से मना कर दिया. 48 वर्षीय तमिलनाडु (Tamil Nadu) में रहने वाली सेल्वरानी के मन में बचपन से ही एक सांड को पालने का मन था. आपको बता दें तमिलनाडु के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू में सांड का उपयोग बड़ी मात्रा में होता है. सेल्वरानी चाहती थीं कि उनका सांड मेडल जीते. इसी जिद की वजह से उन्होंने शादी नहीं की, क्योंकि उनके दोनों भाइयों के पास सांड की देखभाल करने का वक्त नहीं था. इसलिए सेल्वरानी ने अपना पारिवारिक सुख त्यागने का फैसला कर लिया.
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सेल्वरानी ने अपने सांड का नाम रामू रखा है. वो रामू की देखभाल के साथ खेतों में मजदूरी भी करती हैं. सेल्वरानी का कहना है कि शांत स्वभाव का रामू जब खेल में उतरता है तो गुस्सैल स्वभाव का हो जाता है. बीते पांच सालों में रामू ने हर खेल में जीत हासिल की है. खेल में बार- बार जीतने की वजह से रामू को कई लोगों ने खरीदने की मांग की लेकिन सेल्वरानी ने उसे बेचने से मना कर दिया. सेल्वरानी और रामू के बीच एक अनोखा रिश्ता है. दोनों एक दुसरे को समझते हैं.