किशोर इंदुकुरी (Kishore Indukuri) एक IIT के पूर्व छात्र हैं, जो अपने महत्वाकांक्षी करियर को छोड़ अपने पैशन को पूरा कर रहे हैं. एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार में पैदा हुए इंदुकुरी ने आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपने मास्टर और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. मैसाचुसेट्स (Massachusetts) विश्वविद्यालय, एमहर्स्ट (Amherst) से पॉलिमर साइंस एंड इंजीनियरिंग (Polymer Science and Engineering) में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें इंटेल में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी मिली. लेकिन अपनी नौकरी के छह साल बाद, उन्होंने कृषि के प्रति अपने जुनून को महसूस किया और इससे जुड़ा कुछ करने का फैसला किया.
चूंकि उनके परिवार के पास कर्नाटक में कुछ खेत थे, इसलिए किशोर पहले से ही खेतों का दौरा करने और किसानों के साथ बातचीत करने के आदी थे. अंत में अपने पैशन को पूरा करने के लिए किशोर ने अपनी अमेरिका की नौकरी छोड़ दी और 2012 में भारत लौट आए. वह हैदराबाद में रहे और दूध के बारे में रिसर्च किया ताकि यह पता लगा सके कि शहर में सुरक्षित दूध के लिए बहुत सीमित विकल्प हैं. यह भी पढ़ें: Hurun Global Rich List 2021: मुकेश अंबानी दुनिया में 8 वें सबसे अमीर, यहां देखें टॉप 10 रिच व्यक्तियों की पूरी लिस्ट
मैंने अपनी नौकरी छोड़ने और अपनी कृषि जड़ों की ओर लौटने का फैसला किया. हैदराबाद वापस आने पर मैंने महसूस किया कि यहां सस्ते, बिना मिलावट वाले दूध के सीमित विकल्प थे. मैं न केवल अपने बेटे और अपने परिवार के लिए बल्कि हैदराबाद के लोगों के लिए भी बदलाव लाना चाहता था. शोध ने उन्हें हैदराबाद में अपना खुद का डेयरी ब्रांड शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जिसके लिए उन्होंने कोयंबटूर से 20 गायें खरीदीं.
उन्होंने सब्सक्रिप्शन के आधार पर अपना व्यवसाय शुरू किया और समय के साथ उनके ग्राहक बढ़ते गए. साल 2016 में उन्होंने आधिकारिक तौर पर व्यवसाय को 'सिड्स फार्म' के नाम से रजिस्टर किया. आज, वह रोजाना 10,000 से अधिक ग्राहकों को दूध पहुंचाते हैं और उनके लिए 120 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. किशोर ने दावा किया कि उनका कारोबार पिछले साल 44 करोड़ रुपये से अधिक था.
हालांकि उनके ब्रांड की सफलता तेजी से आसमान छू रही है, किशोर ने कहा कि उनके शुरुआती दिन कठिन थे क्योंकि उन्होंने केवल 1 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया था. उन्होंने बताया, "कुछ भी आसान नहीं था क्योंकि यह एक परिचालन रूप से गहन कारोबारी माहौल था और मुझे जल्दी से इससे परिचित होना था. पहली 20 गायों के साथ, हमने सीधे ग्राहकों को दूध बेचना शुरू कर दिया."
उन्होंने कहा, "जब मैंने ये बिजनेस शुरू किया, तो मैंने अपनी सारी बचत लगा दी और अपने परिवार से भी पैसे लिए. वो मुझ पर बहुत विश्वास करते थे. " उन्होंने केवल भैंस के दूध से शुरुआत की, लेकिन फिर गाय के दूध, गाय के दूध का मक्खन, गाय के दूध का घी, भैंस और जैविक दही, और बहुत कुछ का उत्पादन शुरू किया. COVID-19 महामारी के बीच भी, उनकी डेयरी ने ग्राहकों को दूध की आपूर्ति बंद नहीं की है.