ये है दुनिया का सबसे खतरनाक शख्स, अब तक 136 पुरुषों का कर चुका है रेप, मिली ऐसी सजा
ब्रिटिश कानून के इतिहास में सबसे क्रूर व्यक्ति जिस पर 48 पुरुषों के खिलाफ यौन अपराध के मामले सच साबित हुए, जिसके बाद उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. अधिकारियों ने बताया कि,' 36 वर्षीय रेनहार्ड सिनागा के खिलाफ मिले सबूतों से पता चलता है कि उसने और भी बहुत से लोगों पर यौन अत्याचार किए थे.
"ब्रिटिश कानून के इतिहास में सबसे क्रूर व्यक्ति जिस पर 48 पुरुषों के खिलाफ यौन अपराध के मामले सच साबित हुए, जिसके बाद उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. अधिकारियों ने बताया कि,' 36 वर्षीय रेनहार्ड सिनागा (Reynhard Sinaga) के खिलाफ मिले सबूतों से पता चलता है कि उसने और भी बहुत से लोगों पर यौन अत्याचार किए थे. लगभग 195 पुरुषों को जाहिर तौर पर उसके अपार्टमेंट में रहने के दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार करने का वीडियो भी बनाया गया. कुछ लोग तो ऐसे थे जिनके साथ ये दुर्व्यवहार हुआ वो होश में नहीं थे.
जज सुजान गोडार्ड (Judge Suzanne Goddard) ने मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट में कहा कि,' सिनागा के द्वारा पीड़ित लोगों की सही संख्या पता नहीं चल सकता है. सिनागा बहुत ही क्रूर सीरियल यौन शिकारी है, जो उन युवा पुरुषों का शिकार कर चुका है जो अपने दोस्तों के अच्छा नाईट आउट करने के लिए सिटी सेंटर आए थे. जज ने शख्स को राक्षस कहा. उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी कोर्ट में ऐसा बलात्कार का मामला सामने नहीं आया. मीडिया में सिनागा के नाम को उजागर न करने के प्रतिबंध को सोमवार को हटा दिया गया.
अभियोजकों का कहना है कि ये सब करने के लिए सिनागा ने किसी को धमकी या जबरदस्ती नहीं की. ये सब करने से पहले वो नौजवानों के साथ दोस्ती करता था. जिनमें से कई तो नाइटआउट के दौरान नशे में थे और सिनागा उन्हें एक रात अपने घर में रुकने की पेशकश करता था. उसने नौजवानों के कई शेक्शुअल वीडियो भी शूट किए थे.
अभियोजक लेन रशटन (Ian Rushton) ने कहा कि कई पीड़ितों ने शुरू में उन्हें आवास देने के लिए सिनागा को धन्यवाद दिया. लेकिन उनके रुकने के बाद उसने खुद की संतुष्टि के लिए उनका वस्तुओं की तरह इस्तेमाल किया. इंडोनेशिया मूल का सिनागा 2007 में स्टूडेंट वीजा पर ब्रिटेन में आया था, उसने समाजशास्त्र (Sociology) और नियोजन (Planing) में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से दो डिग्री प्राप्त की और 2017 में गिरफ्तारी के दौरान लीड्स विश्वविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा था. उसने दक्षिण एशियाई समलैंगिक और मैनचेस्टर में बायसेक्शुअल पुरुषों पर "Sexuality And Everyday Transnationalism पर थीसिस लिखी.