Fact Check: शिरडी साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने राम मंदिर को डोनेशन न देकर हज कमेटी को दिया 35 करोड़ का दान? जानें वायरल मैसेज की सच्चाई

नासिक: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि शिरडी साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट ने हज कमेटी को 35 करोड़ रुपये दान किए हैं. ट्विटर यूजर प्रिंस वर्मा द्वारा साझा की गई पोस्ट में शिरडी का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है, क्योंकि मंदिर हज के लिए पैसे दान कर रहा है.

पोस्ट में यह भी कहा गया है कि शिरडी मंदिर ने अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए पैसे दान करने से इनकार कर दिया था. वर्मा ने ट्विटर पर कहा, "शिरडी साईं (पिंडारी चंद मिया) ट्रस्ट हज के लिए 35 करोड़ दान करता है." वर्मा ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि शिरडी मंदिर के फाइनेंसर आम लोग हैं. ये भी पढ़ें- 𝐏𝐌 𝐌𝐮𝐝𝐫𝐚 𝐘𝐨𝐣𝐚𝐧𝐚: सरकार 'पीएम मुद्रा योजना' के तहत दे रही है एक लाख रुपये का लोन? PIB से जानें खबर की सच्चाई

वर्मा के अलावा भी कई यूजर्स ने यह भी दावा किया कि शिरडी साईं ट्रस्ट ने हज कमेटी को रुपये दान किए हैं. एक यूजर ने कहा, 'प्रिय चांद मिया प्रेमियों कृपया मुझे बताएं कि उन्होंने राम मंदिर के लिए कितना दान दिया?'

कुछ पोस्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले दिनों मंदिर ने राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे दान करने से मना कर दिया था. हज के लिए ट्रस्ट द्वारा 35 करोड़ रुपये दान करने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ यूजर्स ने अन्य लोगों से भी शिरडी मंदिर जाने से मना कर दिया.

Shirdi Sai Trust Donated Rs. 35 Cr to the Haj Committee?

हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि वायरल पोस्ट फर्जी है. सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहे पोस्ट में किए गए दावे भी झूठे हैं. शिरडी के साईंबाबा संस्थान ने इंटरनेट पर वायरल हो रही फर्जी खबरों का खंडन किया है. साईं मंदिर ट्रस्ट ने राम मंदिर अयोध्या के निर्माण के लिए धन दान करने से इनकार करने की अफवाहों को खारिज करते हुए साईं मंदिर ट्रस्ट के सीईओ ने बताया कि यह दावा झूठा है.

मंदिर के सीईओ ने यह भी कहा कि उन्हें राम जन्मभूमि ट्रस्ट से चंदा मांगने वाला कोई अनुरोध या संदेश नहीं मिला है. दूसरी ओर, साईं मंदिर के ट्रस्ट के सीईओ ने भी कहा कि उन्होंने हज के लिए कोई राशि दान नहीं की है, जैसा कि वायरल सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है.

सीईओ राहुल जाधव ने यह भी कहा कि उनके पास फंड उपलब्ध कराने के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. जादव ने कहा कि वायरल मैसेज शिरडी मंदिर को बदनाम करने की साजिश है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी.