Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) को दो महीने से भी ज्यादा का समय बीत चुका है और दोनों देशों के बीच जारी यह जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच खबर आ रही है कि कथित तौर पर जंग में 40 रूसी लड़ाकू विमानों (Russian Fighter Pilot) को मार गिराने वाले 'घोस्ट ऑफ कीव' (Ghost of Kyiv) की पिछले महीने मौत हो गई है. युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले इस यूक्रेनी फाइटर पायलट (Ukraine Fighter Pilot) की पहचान मेजर स्टेपान ताराबाल्का (29) (Major Stepan Tarabalka) के तौर पर हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 13 मार्च को दुश्मनों से लड़ते हुए उनका मिग-29 लड़ाकू विमान नष्ट हो गया और इस हादसे में उनकी जान चली गई. जब यूक्रेनी सरकार ने बताया कि उन्होंने जंग के पहले ही दिन 6 रूसी लड़ाकू विमानों को मार गिराया, तभी से ताराबाल्का को यूक्रेनियों ने 'भगवान की ओर से भेजा गया देवदूत' मान लिया था.
हालांकि उस दौरान ताराबाल्का की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई थी और इसी के चलते लोग उन्हें घोस्ट ऑफ कीव बुलाने लगे थे. दरअसल, 27 फरवरी को यूक्रेनी सरकार द्वारा किए गए एक ट्वीट में लिखा गया था- लोग उन्हें घोस्ट ऑफ कीव कहते हैं, सही कहते हैं, क्योंकि वह रूस के लड़ाकू विमानों के लिए बुरा सपना बन चुके हैं. यह भी पढ़ें: Russia Ukraine War: रूस ने कर्ज संबंधी चूक से बचने के लिए अंतिम क्षण में भुगतान किया
जंग में अपनी जान गंवाने वाले मेजर ताराबाल्का को उनके अदम्य शौर्य के लिए मरणोपरांत यूक्रेन के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द गोल्डन स्टार' से सम्मानित किया गया है. यूक्रेन ने उन्हें अपने देश के हीरो का सम्मान दिया है. युद्ध में शहीद हुए ताराबाल्का के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा पत्नी ओलेनिया और 8 साल का बेटा यारिक है.
वहीं मेजर ताराबाल्का के माता-पिता का कहना है कि यूक्रेनी सेना ने उनकी आखिरी लड़ाई या मौत पर कोई अन्य जानकारी नहीं दी है. उनके पिता इवॉन की मानें तो उन्हें और उनकी फैमिली को यह पता था कि वह एक फ्लाइंग मिशन पर थे और उन्होंने अपना काम पूरा किया, लेकिन वापस नहीं लौट सके. मेजर ताराबाल्का के माता-पिता को भी उनकी गुप्त स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी और उनकी मौत के बाद ही लोगों को उनकी सच्चाई के बारे में पता चल सका. यह भी पढ़ें: Russia Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर किया साइबर हमला- माइक्रोसॉफ्ट रिपोर्ट में हुआ खुलासा
टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मेजर ताराबाल्का का जन्म पश्चिमी यूक्रेन के कोरोलिव्का के एक छोटे से गांव में हुआ था. वर्किंग क्लास फैमिली में जन्में ताराबाल्का बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे. बचपन से पायलट बनने का सपना संजोने वाले ताराबाल्का अपने गांव के ऊपर उड़ते विमानों को देखा करते थे और उन्होंने अपने इस सपने को साकार भी किया. कथित तौर पर युद्ध में उन्होंने 40 रूसी विमानों को मार गिराया और देश की रक्षा के लिए अपनो प्राणों को न्योछावर कर दिया.