न्यूयॉर्क, 30 अप्रैल : रूस को कर्ज चुकाने के मामले में डिफॉल्ट (चूक) से बचने के लिए अंतिम क्षणों पर भुगतान करना पड़ा. अमेरिका के राजस्व अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि रूस को डिफॉल्ट होने से बचने के लिए देश से बाहर रखा गया अपना कीमती विदेशी मुद्रा भंडार (अमेरिकी डॉलर) खर्च करना पड़ा है. हालांकि कितनी राशि का भुगतान किया गया, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है. लेकिन इस महीने की शुरुआत में रूसी वित्त मंत्रालय ने कहा था कि उसने छह अप्रैल तक देय 64.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रकम के भगुतान की कोशिश की, जिसका संबंध दो अज्ञात अमेरिकी बैंकों के दो बांड से है.
पहले बैंक का नाम जे पी मोर्गन चेज बताया गया था.. ऐसे समय में जब यूक्रेन पर हमला करने को लेकर रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाये गये हैं और उसके भुगतान लेने पर पाबंदी लगा दी गई है, मॉस्को अपने कर्ज का भुगतान रूबल में करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि क्रेमलिन ने बार-बार यह साफ किया है कि वह वित्तीय रूप से सक्षम है और अपने कर्ज का भुगतान जारी रखने का इच्छुक है. रूस का यह भी तर्क है कि असाधारण स्थितियों ने उसे डॉलर या यूरो की बजाय रूबल में भगुतान करने का वैध आधार प्रदान कर दिया है. यह भी पढ़ें : बाइडन और मैक्सिको के राष्ट्रपति के बीच प्रवास के मुद्दे पर चर्चा
लेकिन निवेशकों और रेटिंग एजेंसियां रूस के दावों से असहमत हैं और इन्हें उम्मीद नहीं है कि अगले हफ्ते खत्म हो रही छूट अवधि (ग्रेस पीरियड) से पहले रूस अपनी मुद्रा रूबल को अमेरिकी डॉलर में परिवर्तित कर सकेगा. इससे इस बात की आशंका बढ़ गई है कि मॉस्को अपने कर्ज के कारण ऐतिहासिक रूप से डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच सकता है. वर्ष 1917 में बोलशेविक क्रांति के बाद से रूस को कर्ज के कारण कभी डिफॉल्ट का सामना नहीं करना पड़ा है.