कर्नाटक में 12 घंटे के वर्क डे पर बवाल, यूजर्स बोले- 'ये नारायण मूर्ति आवर्स हैं भाई!' सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
"Narayana Murthy Hours" Trend | X

कर्नाटक सरकार द्वारा काम के घंटे बढ़ाकर 12 घंटे प्रतिदिन करने के प्रस्ताव ने इंटरनेट पर बवाल मचा दिया है. जैसे ही ये खबर आई, लोगों को तुरंत याद आ गए इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति, जिन्होंने कुछ समय पहले 70 घंटे के कार्यसप्ताह की वकालत की थी. अब उसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है. एक यूजर ने लिखा – “नारायण मूर्ति को तो अब कोने में बैठकर हंसी आ रही होगी कि सरकार ने उनकी बात मान ही ली.”

एक अन्य यूजर ने लिखा , “इस नए नियम का नाम ही ‘नारायण मूर्ति ऑवर्स’ रख देना चाहिए.” एक यूजर ने तो मजाक में कह दिया – “नारायण मूर्ति साइड में डांस कर रहे हैं.” इंटरनेट पर मीम्स और प्रतिक्रियाओं की झड़ी लगी हुई है.

यूजर्स को याद आए नारायण मूर्ति

नारायण मूर्ति आवर्स

दरअसल पिछले साल CNBC-TV18 के ग्लोबल लीडरशिप समिट में नारायण मूर्ति ने कहा था कि उन्हें ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ की अवधारणा में विश्वास नहीं है. उन्होंने भारत में 6 दिन से 5 दिन के वर्क कल्चर पर निराशा जताई थी. उनका मानना था कि अगर भारत को आर्थिक रूप से आगे बढ़ना है, तो हर भारतीय को 70 घंटे प्रति सप्ताह काम करना चाहिए.

उन्होंने कहा था, “भारत एक गरीब देश है और हमें पहले एक ‘लाइफ’ बनानी होगी, तभी हम ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ की बात कर सकते हैं.” ये विचार उस समय बहुत विवादित रहे थे, लेकिन अब सरकार के प्रस्ताव के बाद फिर से चर्चा में आ गए हैं.

सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़

क्या वाकई लागू होगा ये प्रस्ताव?

हालांकि यह प्रस्ताव अभी शुरुआती चरण में है और इस पर आगे चर्चा और संशोधन संभव है. लेकिन यह बहस छेड़ चुका है कि क्या भारत जैसे देश में जहां काम के माहौल और वेतन में पहले से असमानता है, वहां 12 घंटे की नौकरी का समर्थन करना सही है?

क्या चाहते हैं यूजर्स

जहां कुछ लोग नारायण मूर्ति की बातों से सहमत हैं कि देश को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत जरूरी है, वहीं कई लोग मानते हैं कि स्वस्थ जीवन और मानसिक शांति के बिना कोई विकास टिकाऊ नहीं हो सकता. सोशल मीडिया पर यही विरोधाभास हंसी-मजाक और मीम्स के रूप में उभर कर सामने आ रहा है.