Naked Man Festival in Japan: साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (South China Morning Post) के अनुसार, जापान (Japan) के एक मंदिर ने 1650 सालों में पहली बार महिलाओं को 'नग्न पुरुष' उत्सव यानी नेकेड मैन फेस्टिवल ('Naked Man' Festival) में हिस्सा लेने की अनुमति देकर इतिहास रच दिया है, जिसके बाद इतिहास में पहली बार जापान के नेकेड मैन फेस्टिवल में महिलाएं हिस्सा लेंगी. जापान के पारंपरिक त्योहार 'हदाका मात्सुरी' (Hadaka Matsuri) का आयोजन आइची प्रान्त (Aichi) के इनाज़ावा (Inazawa) में कोनोमिया तीर्थ (Konomiya Shrine) द्वारा किया जाता है. इस साल 22 फरवरी को आयोजित होने वाले इस पारंपरिक उत्सव में लगभग 10,000 स्थानीय पुरुषों के भाग लेने की उम्मीद है.
केवल पुरुषों के लिए आयोजित होने वाले इस परंपरागत उत्सव के रीति-रिवाजों में इस बार बदलाव देखने को मिलेगा, क्योंकि इस साल करीब 40 महिलाओं को उत्सव के कुछ अनुष्ठानों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी. द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंगोटी पहने और लगभग नग्न पुरुषों के बीच महिलाएं पंरपरागत पोषक और हैप्पी जैकेट पहनकर हिस्सा ले सकेंगी. उन्हें ‘नाओइज़ासा संस्कार’ (Naoizasa Rite) के हिस्से के रूप में बांस की घास को लिनन में लपेटकर मंदिर के मैदान तक ले जाने की इजाजत होगी.
आयोजन समिति के एक अधिकारी मित्सुगु कात्यामा ने कहा कि महामारी के कारण पिछले तीन वर्षों से हम त्योहार को पहले की तरह आयोजित नहीं कर पाए हैं और उस समय हमें शहर की महिलाओं से भाग लेने के लिए बहुत सारे अनुरोध प्राप्त हुए थे. उन्होंने बताया कि अतीत में महिलाओं को इस कार्यक्रम में भाग लेने से स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित नहीं किया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छा से इससे बचना पसंद किया. क्षेत्र की महिलाओं और जेंडर एक्टिविस्ट ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे समानता के लिए उनकी लड़ाई के विकास में सकारात्मक बताया है. यह भी पढ़ें: Japan Bullet Train Service Suspended: बिजली कटौती के कारण जापान की बुलेट ट्रेन सेवा आंशिक रूप से निलंबित
पारंपरिक उत्सव है 'हदाका मात्सुरी'
जापान के पारंपरिक उत्सव हदाका मात्सुरी के दौरान हजारों पुरुष इस अवसर के लिए जापानी लंगोटी पहनते हैं, जिसे फंडोशी के नाम से जाना जाता है. नग्न पुरुष उत्सव में शामिल होने वाले मर्द फंडोशी के अलावा सफेद मोजे पहनते हैं. उत्सव के पहले कुछ घंटे पुरुष मंदिर के मैदान के चारों ओर घूमने और समारोहों के हिस्से के रूप में खुद को बर्फ के ठंडे पानी से धोने में बिताते हैं, फिर वे मुख्य मंदिर की ओर बढ़ते हैं.
इसके बाद प्रतियोगी टहनियों के 100 अन्य बंडलों के बीच से दो भाग्यशाली छड़ियां प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिन्हें मंदिर का पुजारी फेंक देता है. इसमें शामिल होने वाले प्रतिभागी ‘चुने हुए आदमी’ या शिन-ओटोको को छूने की कोशिश करते हैं, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यह साल भर के लिए सौभाग्य लाता है. भगदड़ जैसे माहौल के कारण पुरुष अक्सर चोट खाए हुए और घायल होकर कार्यक्रम से बाहर आते हैं.