मुंबई, 2025: दही हांडी का त्योहार इस साल इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है. मुंबई के जोगेश्वरी स्थित प्रसिद्ध जय जवान गोविंदा पाठक (Jai Jawan Govinda Pathak) ने वो कर दिखाया है, जिसका सपना हर गोविंदा देखता है. इस दल ने आज एक के बाद एक 10 थर (10 Thar Human Pyramid) बनाकर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित कर दिया है. इस ऐतिहासिक पल के साथ ही चारों तरफ खुशी और जश्न का माहौल है.
यह कारनामा दही हांडी (Dahi Handi 2025) के इतिहास में पहली बार हुआ है. सालों की मेहनत, अटूट लगन और जबरदस्त टीम वर्क के दम पर जय जवान के गोविंदाओं ने 10 थर का पिरामिड सफलतापूर्वक बनाकर सलामी दी. जैसे ही सबसे ऊपर वाले गोविंदा ने दही की हांडी फोड़ी, पूरा मैदान तालियों और "गोविंदा आला रे" के नारों से गूंज उठा.

सालों का सपना हुआ पूरा
जय जवान गोविंदा पाठक के लिए 10 थर का पिरामिड बनाना एक सपना था. कई सालों से यह टीम लगातार इसकी कोशिश कर रही थी. प्रैक्टिस के दौरान उन्होंने कई बार 10 थर बनाने का प्रयास किया, लेकिन अंतिम मौके पर पिरामिड गिर जाता था. इसके बावजूद टीम ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत जारी रखी. आज उनकी यही जिद और लगन रंग लाई.
टीम के कोच और सदस्यों ने बताया कि यह सिर्फ एक दिन की मेहनत नहीं, बल्कि सालों के पसीने और तपस्या का फल है. इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए हर गोविंदा ने अपनी फिटनेस, बैलेंस और आपसी तालमेल पर बहुत काम किया.
क्यों खास है 10 थर का रिकॉर्ड?
दही हांडी में 9 थर बनाना ही एक बहुत बड़ी चुनौती मानी जाती है. जय जवान पाठक ने 2012 में 9 थर बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था. 10 थर का पिरामिड बनाने के लिए असाधारण ताकत, संतुलन और सैकड़ों लोगों के बीच अच्छे तालमेल की जरूरत होती है. ऊंचाई बढ़ने के साथ ही खतरा और मुश्किल कई गुना बढ़ जाती है. यही वजह है कि आज तक कोई भी दल यह कारनामा नहीं कर पाया था.
इस शानदार जीत के बाद, जय जवान गोविंदा पाठक ने न केवल दही हांडी के खेल को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है, बल्कि पूरी दुनिया में भारत का नाम भी रोशन किया है. यह जीत मुंबई और पूरे देश के लिए एक गर्व का पल है.













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