
Fact Check: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) ने ‘नेताजी’ मुलायम सिंह यादव के स्मारक निर्माण के लिए ऑनलाइन चंदा इकट्ठा करने की अपील की है. कुछ पोस्ट में बैंक अकाउंट नंबर और QR कोड भी शेयर किए जा रहे हैं, जिनके जरिए लोगों से पैसे भेजने को कहा जा रहा है. अब सवाल उठता है: क्या ये दावा सही है? क्या सपा ने वाकई ऑनलाइन चंदा मांगना शुरू किया है? चलिए इसका फैक्ट चेक करते हैं.
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‘नेता जी स्मारक’ के नाम पर चंदा मांगने वालों से सावधान
लेकिन ट्वीट तो अखिलेश यादव जी के X से ही हुआ है फिर कैसे फर्जी हुआ
— Arman khan ارمان خان (@pathanarman0143) June 30, 2025
फर्जी खबर वायरल होने की वजह!
इस वर्ष अपने सभी शुभचिंतकों से मेरी विनम्र अपील है कि मेरे जन्मदिन के अवसर पर किसी भी प्रकार की पुष्प गुच्छ भेंट, प्रतिमा, तस्वीर, पार्टी के चिह्न साइकिल की प्रतिकृतियों या किसी भी अन्य प्रकार की भेंट की जगह अपना-अपना योगदान माननीय नेता जी के निर्माणाधीन ‘समाजवादी स्मारक’ में… pic.twitter.com/0720jHxFPI
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 29, 2025
दावा:
समाजवादी पार्टी ने नेताजी स्मारक के नाम पर चंदा देने के लिए बैंक अकाउंट और UPI लिंक जारी किया है.
सच्चाई:
यह दावा झूठा है. समाजवादी पार्टी ने खुद एक आधिकारिक चेतावनी जारी कर कहा है कि पार्टी ने ऐसा कोई अकाउंट नंबर या QR कोड जारी नहीं किया है. सपा ने ट्वीट कर समर्थकों को सतर्क करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर चल रहे ऐसे किसी भी चंदा अभियान पर भरोसा न करें.
सपा ने साफ किया है कि कोई भी नेता, कार्यकर्ता या समर्थक किसी भी बैंक खाते में पैसे न डालें, वरना ठगी का शिकार हो सकते हैं. पार्टी ने कहा है कि अगर किसी को पैसे देने हैं तो वे सीधे पार्टी कार्यालय में जाकर ही “आस्था अंशदान” जमा कराएं.
वायरल मैसेज की पड़ताल:
जो मैसेज सोशल मीडिया पर घूम रहा है, उसमें अखिलेश यादव की ओर से चंदा मांगने की बात कही जा रही है. दरअसल, अखिलेश यादव ने अपने जन्मदिन पर अपील की थी कि शुभचिंतक उन्हें फूलों या तोहफों की जगह नेताजी के स्मारक निर्माण में सहयोग करें. लेकिन इस अपील में कहीं भी किसी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन या अकाउंट डिटेल की बात नहीं की गई थी.
नतीजा:
यह एक आधा-सच और आधा-झूठ वाला मामला है. अपील तो की गई है, लेकिन सिर्फ सीधे पार्टी कार्यालय में योगदान देने के लिए. सोशल मीडिया पर जो बैंक डिटेल्स और QR कोड फैलाए जा रहे हैं, वे फर्जी हैं और ठगी की साजिश का हिस्सा हो सकते हैं.
सलाह:
- किसी भी लिंक, QR कोड या अकाउंट नंबर पर भरोसा करने से पहले ऑफिशियल सोर्स से पुष्टि करें.
- केवल पार्टी के आधिकारिक अकाउंट या वेबसाइट से मिली जानकारी को ही सही मानें.
- कोई संदिग्ध मैसेज मिले तो उसे रिपोर्ट करें और दूसरों को जागरूक करें.
निष्कर्ष:
नेताजी स्मारक के लिए ऑनलाइन चंदा मांगे जाने का दावा फर्जी है. समाजवादी पार्टी ने कोई डिजिटल पेमेंट माध्यम जारी नहीं किया है. जो भी जानकारी सोशल मीडिया पर फैल रही है, वह फेक और गुमराह करने वाली है.