Fact Check: कोरोना काल (Corona Crisis) में लोगों तक उपयोगी जानकारी पहुंचाने के बजाय उन्हें भ्रमित करने के लिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज (Fake News) और गलत (False Information) जानकारियों को आए दिन व्यापक तौर पर शेयर किया जा रहा है. इसी कड़ी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विचलित करने वाली एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार (Central Government) ने स्कूल की किताबों पर टैक्स (Tax On School Textbooks) लगाने का फैसला किया है. हालांकि सरकार ने इस तरह का दावा करने वाली रिपोर्ट्स को फेक बताते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है. यह स्पष्टीकरण केंद्र सरकार के विभाग पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) से आया है, जो सरकार से संबंधित योजनाओं और नीतियो पर गलता सूचनाओं को उजागर कर लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने का काम करता है.
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगाया है. इस खबर की पड़ताल करने के बाद पीआईबी फैक्ट चेक ने साफ किया है कि यह दावा फर्जी है और स्कूल की पाठ्यपुस्तकों पर केंद्र सरकार द्वारा कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. इसके साथ प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने लोगों से इस तरह की भ्रामक और गलत खबरों पर विश्वास न करने की अपील की है. यह भी पढ़ें: Fact Check: कोरोना महामारी के चलते स्कूल और कॉलेजों के सभी छात्रों को फीस भरने के लिए 11,000 रुपये दे रही है मोदी सरकार? जानिए इस वायरल खबर की सच्चाई
देखें ट्वीट-
दावा: सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा कि केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगा दिया है। #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। स्कूली टेक्स्ट बुक्स पर कोई टैक्स नहीं है। pic.twitter.com/OsvfgYMOgC
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 24, 2020
गौरतलब है कि कोरोना संकट के बीच सोशल मीडिया पर फेक खबरों और गलत जानकारियों का अंबार लगा हुआ है तो ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वॉट्सऐप, फेसबुक और ट्विटर पर वायरल होने वाली किसी भी खबर की सत्यता जाने बिना उस पर भरोसा न करें. सरकारी योजनाओं और नीतियों से संबंधित सत्यापित जानकारी और अपडेट के लिए Latestly.com या प्रेस सूचना ब्यूरो के साथ बने रहें.
Fact check
सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा कि केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर टैक्स लगा दिया है.
पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा है कि यह दावा फेक है, केंद्र सरकार ने स्कूली किताबों पर कोई टैक्स नहीं लगाया है.