Lockdown Extension: कोरोना वायरस के प्रकोप (Coronavirus Outbreak) के चलते दुनिया भर में तबाही का आलम है. इस घातक वायरस (Deadly Virus) से भारत भी अछूता नहीं है. कोरोना वायरस ने तेजी से पैर पसारते हुए दुनिया के अधिकांश देशों को अपनी चपेट में ले लिया है, लेकिन भारत में समय रहते लॉकडाउन (Lockdown) का फैसला लेने की वजह से यहां अन्य देशों की तुलना में हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं. बता दें कि 21 दिवसीय देशव्यापी लॉकडाउन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ जारी इस जंग में लॉकडाउन की अवधि (Lockdown Extension) को बढ़ाने का ऐलान किया. पीएम मोदी ने 19 दिन की अवधि को बढ़ाते हुए कहा कि लॉकडाउन अब 3 मई तक लागू रहेगा, साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए यह कदम उठाना बेहद जरूरी है.
हालांकि पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन विस्तार का फैसला सबसे परामर्श करने के बाद लिया गया है, लेकिन लॉकडाउन विस्तार की घोषणा के बाद एक न्यूज मैगजीन ने दावा किया है कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन का विस्तार 21 सदस्यीय वैज्ञानिक कोविड टास्क फोर्स से परामर्श किए बिना ही लिया है.
जी हां, एक समाचार पत्रिका ने दावा किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का विस्तार करने से पहले 21 सदस्यीय वैज्ञानिक कोविड टास्क फोर्स (21-Member Scientific COVID Task Force) से परामर्श नहीं किया. जब प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने न्यूज मैगजीन के इस दावे की पड़ताल की तब जाकर इसकी हकीकत का पता चला. पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने इस दावे को फेक बताया है, क्योंकि वास्तव में लॉकडाउन के विस्तार से जुड़े सभी फैसले टास्क फोर्स से परामर्श करने के बाद ही पीएम मोदी द्वारा लिए गए थे, इसलिए पीआबी फैक्ट चेक में मैगजीन का यह दावा झूठा साबित होता है.
PIB फैक्ट चेक
A news magazine has claimed that PM Narendra Modi did not consult the 21-member scientific #COVID taskforce before extending the lockdown
Reality - All decisions were taken after consulting the taskforce: Press Information Bureau (PIB) pic.twitter.com/5Rbqel2aOQ
— ANI (@ANI) April 15, 2020
उधर, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी मैगजीन के इस दावे को खारिज किया है. आईसीएमआर का कहना है कि पिछले महीने टास्क फोर्स के साथ 14 बार बैठक हुई और सभी फैसलों में टास्क फोर्स के सदस्यों को शामिल किया गया.
ICMR का ट्वीट
There is a media report which makes false claims about the COVID-19 Task Force. The fact is that the task force met 14 times in the last month and all decisions taken involve the members of the task force. Please avoid such conjectures. #COVID2019india #IndiaFightsCorona
— ICMR (@ICMRDELHI) April 15, 2020
गौरतलब है कि आईसीएमआर ने लोगों से इस तरह की फेक खबरों और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है, जबकि पीआईबी ने भी इस दावे को फर्जी करार देते हुए लोगों से अफवाहों को सच मानकर उनपर भरोसा करने से पहले उसकी पुष्टि करने की अपील की है. बात करें भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों की तो बुधवार को देश में 1076 नए केस रिपोर्ट किए जाने के बाद कोविड-19 संक्रमितों की तादात बढ़कर 11,439 हो गई है. इनमें 9756 केस एक्टिव हैं, 1306 ठीक/ डिस्चाज हो चुके हैं और अब तक देश में 377 लोग संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं.
Fact check
न्यूज मैगजीन का दावा है कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन का विस्तार करने से पहले 21 सदस्यीय वैज्ञानिक टास्क फोर्स से परामर्श नहीं किया.
लॉकडाउन विस्तार से जुड़े सभी फैसले टास्क फोर्स से परामर्श के बाद लिए गए थे.