नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते देश में 3 मई तक घोषित लॉकडाउन के चलते सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार पूरी तरह से गर्म है. जहां कोई कह रहा है कि कोविड-19 दवा से नहीं बल्कि योगा और दूसरी देसी दवाओं से जायेगी. वहीं इन अफवाहों के बीच सोशल मीडिया (Social Media) पर दावा किया जा रहा है कि भारतीय दूरसंचार विभाग की तरफ से मोबाइल यूजर (Mobile Users) को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट दिया जा रहा है. जबकि प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने अपने फैक्ट चेक में इसे झूठ करार दिया है.
वायरल खबर में दावा किया गया है कि भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है. जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए एक लिंक पर क्लिक करना होगा. हालांकि हकीकत में ऐसा नहीं है. यह दावा बिलकुल झूठा है और दिया गया लिंक फर्जी है. यह भी पढ़े: Fact Check: क्या एक समुदाय के लोगों को COVID-19 के बहाने जबरन क्वारेंटाइन में भेजा जा रहा है? PIB फैक्ट चेक से जानें इस वायरल दावे की सच्चाई
देखें PIB का फैक्ट चेक:
दावा : भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है जिसे प्राप्त करने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करना होगा
तथ्य :यह दावा बिलकुल झूठ है, व दिया गया लिंक फर्जी है|
कृप्या अफवाहों और जालसाज़ों से दूर रहें| pic.twitter.com/K31AGDNZ0p
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 22, 2020
वहीं इस खबर को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यूजर्स की प्रतिक्रिया भी आ रही है. लोग भारतीय दूरसंचार विभाग से पूछ रहे हैं कि क्या यह सही है. आप लोग इंटरनेट फ्री दे रहे है?
यूजर्स की प्रतिक्रिया:
@BSNL_GJ क्या ये सही है आप लोग फ्री ईन्टरनेट दे रहे है।https://t.co/ua88n1v7gp ये वेबसाईट पे बोल रहे है की फ्री रिचार्ज है तो ये सही है @GujaratPolice ये चेक करे ये फ्रोड तो नहीं है ना....?
— Rajesh Rathod (@TheRajeshRathod) April 21, 2020
बता दें कि पुलिस और प्रशासन ऐसी फेक खबरों को लेकर लगातार जनता को सावधान करती रहती है. जबकि कई मामलों में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. विभिन्न राज्यों में पुलिस ने अफवाह फैलाने वाले कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
Fact check
दावा किया गया है कि भारतीय दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल यूजर को 3 मई 2020 तक फ्री इंटरनेट देने का ऐलान किया है.
जबकि प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरोने अपने फैक्ट चेक में झूठ करार दिया है.