Live Spiders: चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Chennai International Airport) पर सीमा शुल्क अधिकारियों (Customs Officials) को पोलैंड (Poland) से आए एक एयर पार्सल में 107 जीवित मकड़ियां (Live Spiders) मिलीं. शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि चेन्नई हवाई सीमा शुल्क (Chennai Air Customs) ने विदेश डाकघर में पोलैंड से आए एक एयर पार्सल को रोका. पार्सल अरुपुकोट्टई (Arupukottai) में रहने वाले एक व्यक्ति के नाम से आया था, जब इस पार्सल को खोला गया तो पार्सल में एक थर्माकोल का डिब्बा मिला, जिसमें सिल्वर फॉइल और कपास में लिपटी हुई प्लास्टिक की 107 छोटी शीशियां मिलीं. इन शीशियों की जांच करने पर प्रत्येक शीशी के अंदर जीवित मकड़ियां मिलीं.
इसके बाद वन्य जीवन अपराध नियंत्रण ब्यूरो (Wild Life Crime Control Bureau) यानी डब्ल्यूसीसीबी (WCCB) के अधिकारियों और चेन्नई में भारत के दक्षिणी क्षेत्र केंद्र के प्राणी सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों को प्रजातियों की पहचान करने के लिए बुलाया गया था. रूपात्मक परीक्षा (Morphological Examination) के आधार पर, उनका मानना है कि मकड़ियां जीनस फोनोपेल्मा और ब्राचीपेल्मा प्रजाति की हैं. ये मकड़ियां सीआईटीईएस-सूचीबद्ध टारेंटुला हैं, जो दक्षिण, मध्य अमेरिका और मैक्सिको में मुख्य रुप से पाई जाती हैं. यहां क्लिक कर वीडियो देखें. यह भी पढ़ें: इंसानों की तरह चाय की दुकान पर बर्तन धोते बंदर का मजेदार Video हुआ Viral, जिसे देख आप नहीं रोक पाएंगे अपनी हंसी
देखें ट्वीट-
We are with @WCCBHQ fighting illegal wildlife trade by air as it poses a serious threat to survival of species. Every animal deserves to live in its natural home and we can't push them to the runway of extinction.The displays @aaichnairport aptly reflects their plight. @WWF @UNEP pic.twitter.com/Qp52UkQ8xW
— Chennai (MAA) Airport (@aaichnairport) June 30, 2021
एनिमल क्वारंटीन के अधिकारियों ने मूल देश के मकड़ियों वाले पार्सल को वापस भेजने को कहा है, क्योंकि यह आयात अवैध था. दरअसल, भारत में आयात के लिए डीजीएफटी (DGFT) यानी विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) लाइसेंस और स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेज नहीं थे. मकड़ियों को सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत जब्त कर लिया गया था. इस कार्रवाई के बाद मकड़ियों वाले पार्सल को पोलैंड वापस भेजने के लिए डाक अधिकारियों को सौंप दिया गया था. इस मामले में आगे की जांच की जा रही है.