ऑस्ट्रिया: पुलिस के सामने Fart करना शख्स को पड़ा भारी, कोर्ट पहुंचा मामला और भरना पड़ा जुर्माना
एक अजीबो-गरीब मामला ऑस्ट्रिया से सामने आया है, जहां एक शख्स को पुलिस के सामने फार्ट करना यानी गैस छोड़ना भारी पड़ गया. पुलिस के सामने फार्ट करने के आरोप में शख्स पर न सिर्फ हजारों का जुर्माना लगाया गया, बल्कि मामला कोर्ट की दहलीज पर भी जा पहुंचा. हालांकि यह मामला जून 2020 का है, लेकिन इस पर फैसला अब आया है.
फार्टिंग यानी गैस छोड़ना एक प्राकृतिक क्रिया है, जिस पर इंसान का जोर नहीं चलता है. हालांकिं फार्टिंग (Farting) यानी गैस छोड़ने की समस्या कई कारणों से हो सकती है, लेकिन क्या किसी को गैस छोड़ना (Fart) इतना भारी पड़ सकता है कि मामला सीधे कोर्ट तक पहुंच जाए और जुर्माना भी भरना पड़ जाए. यह सुनकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी, लेकिन एक ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला ऑस्ट्रिया (Austria) से लामने आया है, जहां एक शख्स को पुलिस के सामने फार्ट (Fart in Front of Police) करना यानी गैस छोड़ना भारी पड़ गया. पुलिस के सामने फार्ट करने के आरोप में शख्स पर न सिर्फ 100 यूरो का जुर्माना लगाया गया, बल्कि मामला कोर्ट की दहलीज पर भी जा पहुंचा. हालांकि यह मामला जून 2020 का है, लेकिन इस पर फैसला अब आया है.
इस मामले में कोर्ट ने फार्ट के आरोपी शख्स को जुर्माने में थोड़ी राहत देते हुए 45 हजार के बजाय 9 हजार रुपए भरने को कहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल विएना में यह ऑस्ट्रियाई शख्स पार्क में अपने दोस्तों के साथ बैठा था, तभी पुलिस के अधिकारी रूटीन चेकअप के लिए वहां पहुंच गए. पुलिस से बातचीत के दौरान शख्स ने उनके सामने गैस छोड़ दिया. कहा जा रहा है कि शख्स ने जानबूझकर पुलिस के सामने यह हरकत की थी, इसलिए पुलिस अधिकारियों ने शख्स के खिलाफ सार्वजनिक स्थल पर अभद्रता करने का मामला दर्ज कर लिया. यह भी पढ़ें: Healing Farts? इस पादरी ने किया विचित्र दावा, कहा- उसके फार्ट में हीलिंग पावर्स हैं, लोगों को कर देता है ठीक
गौरतलब है कि पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थल पर अभद्रता करने के आरोप में शख्स पर हजारों रुपए का जुर्माना लगया गया, जिसके बाद शख्स ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट में सुनवाई के दौरान शख्स ने अपनी दलील देते हुए कहा कि पेट फूलना और गैस निकलना एक जैविक प्रक्रिया है. ऐसे में इसे कैसे जानबूझकर की गई हरकत कहा जा सकता है. बताया जाता है कि शख्स के तर्क पर कोर्ट ने गौर फरमाते हुए जुर्माने की रकम को 500 यूरो से घटाकर 100 यूरो यानी 9 हजार रुपए कर दिया.