इस्लामाबाद: शिकार को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) में एक ऐसे अमेरिकी शिकारी को देखा गया कि जिसने पाकिस्तान के मारखोर (Markhor) नाम के जानवर के लिए करीब 77 रुपया खर्च करके उस जानवर का शिकार किया. शिकार करने वाले इस अमेरिकी नागरिक का नाम ब्रायन किंसेल हर्लन (Bryan Kinsel Harlan) है. मारखोर के शिकार के लिए उसने पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके के प्रशासन को एक लाख डॉलर से ज्यादा की रकम का भुगतान किया. जिस पैसे को भारत से तुलना की जाय तो करीब 77 लाख होते है.
बता दें कि अपने लंबे बालों और घुमावदार सींग के लिए मशहूर इस जानवर के शिकार पर पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन विशेष परिस्थितियों में खास जीव-जंतुओं के शिकार की इजाजत दी जाती है. कुछ इसी तरह अमेरिकी शिकारी इस जानवर के लिए लाखों रुपया खर्च करके इस जानवर का शिकार किया. इंडियन एक्सप्रेस में पाकिस्तानी अखबार द डॉन के हवाले से छपी खबर के अनुसार, अमेरिका के शिकारी ब्रायन किंसेल हर्लन ने गिलगित-बाल्टिस्तान के वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट से मारखोर का शिकार करने की इजाजत मांगी थी. विभाग ने उन्हें इसकी अनुमति तो दी, लेकिन इसके लिए भारी-भरकम राशि का शुल्क अदा करने की भी शर्त थी. इस शुल्क को हर्लन ने चुकाया. पाकिस्तान के इस जानवर के शिकार करने को लेकर तनवीर नाम के एक युवक ने ट्विट भी किया है.
US citizen #BryanHarlan who hunted an AstoreMarkhor few days ago at GB has said that Pakistan is more peaceful country than Mexico. if govt of Pak govt could put some investment in to tourism sector they could do great for this beautiful country.
Thank you #BryanKinselHarlan pic.twitter.com/91rd3rjghZ
— Tanveer Ahmed (@Mountain_Man007) February 7, 2019
अमेरिकी शिकारी हर्लन ने अखबार को बताया कि लुप्तप्राय वन्यजीव मरखोर का शिकार करना बिल्कुल अलग तरह का अनुभव था. उन्होंने मरखोर के शिकार को लेकर बताया कि बेहद नजदीक जाकर किए गए इस शिकार को लेकर उन्हें काफी अच्छा लगा. हर्लन ने जिस मरखोर का शिकार किया वह करीब 41 इंच ऊंचा था. वहीं अमेरिकी शिकारी हर्लन द्वारा पाकिस्तानी जानवर मारखोर के शिकार को लेकर यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो है. जिसे खूब देखा जा रहा है.
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पाकिस्तान के वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परमिट शुल्क से जो भी पैसा मिलता है. उसका 80 प्रतिशत भाग स्थानीय समुदायों को दिया जाता है, जबकि बाकी 20 फीसदी राशि सरकार के खाते में जाती है. 80 प्रतिशत जो पैसा स्थानीय लोगों को दी जाती है. उन पैसों से सालोंभर इस दुर्लभ जंगली जानवर की देख रेख की जाती है. बता दें कि मारखोर, पाकिस्तान में पाए जाने वाले जानवरों की प्रजाति का लुप्तप्राय जीव है, जिसे जंगली बकरी भी कहा जाता है.