Aishwarya Sheoran Cracks UPSC Exam 2019: मिस इंडिया 2016 की फाइनलिस्ट ऐश्वर्या शिवराण ने सिविल सेवा परीक्षा में हासिल की 93वीं रैंक, बोलीं- सपना हुआ पूरा
ऐश्वर्या शिवराण (Photo Credits: @DurgaShaktiIAS Twitter)

Aishwarya Sheoran Cracks UPSC Exam 2019: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) यानी यूपीएससी (UPSC) ने बीते दिन सिविल सेवा परीक्षा 2019 (Civil Services Examination 2019) के नतीजे घोषित किए. इस परीक्षा में सफल होने वाले परीक्षार्थियों की काबिलियत और प्रतिभा की हर तरफ चर्चा हो रही है. सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services) में सफल होने वाले प्रतिभागियों में लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा ऐश्वर्या शिवराण ने अपनी ओर आकर्षित किया है. साल 2016 की मिस इंडिया फाइनलिस्ट (Miss India 2016 Finalist) और मॉडल ऐश्वर्या शिवराण (Aishwarya Sheoran) ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 क्रैक कर ली है और उन्हें इस परीक्षा में 93वीं रैंक हासिल हुई है. ऐश्वर्या शिवराण की मानें तो सिविल सर्विसेस हमेशा से उनका सपना रहा है और इस परीक्षा में सफल होने के बाद उनका सपना साकार हो गया है.

ऐश्वर्या की मानें तो उन्हें यह नाम उनकी मां ने दिया था, क्योंकि वे चाहती थीं कि उनकी बेटी मिस इंडिया बने. मिस इंडिया के टॉप 21 फाइनलिस्ट में आकर उन्होंने अपनी मां की इच्छा पूरी करने की कोशिश की, लेकिन वो हमेशा से यूपीएससी की परीक्षा क्रैक करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने मॉडलिंग से ब्रेक लिया और परीक्षा की तैयारियों में जुट गईं.

देखें ट्वीट-

बताया जाता है कि ऐश्वर्या हमेशा से ही पढ़ने-लिखने के मामले में एक होनहार छात्रा रही हैं. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए किसी तरह की कोई कोचिंग नहीं ली है. ऐश्वर्या की मानें तो परीक्षा की तैयारी करते समय उन्हें अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए फोन, सोशल मीडिया इत्यादि से भी दूरी बनानी पड़ी. उन्होंने जमकर इस परीक्षा की तैयारी की और अब नतीजा सबके सामने है. यह भी पढ़ें: UPSC Civil Services 2019 Final Result Announced At upsc.gov.in, Full List: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे जारी, प्रदीप सिंह ने किया टॉप, देखें पूरी लिस्ट

गौरतलब है कि दिल्ली के श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई करने वाली ऐश्वर्या साइंस की छात्रा हैं. उनके पिता कर्नल अजय कुमार एनसीसी तेलंगाना बटालियन, करीमनगर के कमांडिंग ऑफिसर हैं. ऐश्वर्या का कहना है उन्हें लगा कि परिवार में विविधता के लिए सिविल सेवाओं के लिए प्रयास करना चाहिए और अंतिम विचार राष्ट्र की सेवा करना है, इसलिए उन्होंने इसके लिए कठिन परिश्रम किया और उसी की बदौलत आज उनका ये सपना पूरा हो पाया है.