World Yoga Day 2024: तन ही नहीं मन को भी स्वस्थ एवं प्रफुल्लित रखता है योग! जानें एक योग भगाए कितने रोग?
योग साधना भारत के प्राचीनतम प्रथाओं में एक है, क्योंकि आदिकाल से यह देश ऋषि मुनियों का रहा है, जिनका मुख्य कर्म तप, जप और योग साधना आदि रहा है. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है.
योग साधना भारत के प्राचीनतम प्रथाओं में एक है, क्योंकि आदिकाल से यह देश ऋषि मुनियों का रहा है, जिनका मुख्य कर्म तप, जप और योग साधना आदि रहा है. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका है. योग के विभिन्न आसनों प्राणायाम और ध्यान आदि के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संतुलित रहता है. आइये जानते हैं, एक योग कितने रोगों को भगाता है.
योग से मानसिक लाभ
तनाव से मुक्ति: योग में गहरी श्वास लेने और ध्यान लगाने से शरीर और मस्तिष्क को शांत करने में मदद मिलती है. इससे तनाव के हार्मोन (कॉर्टिसोल) का स्तर घटता है, जिससे चिंता और तनाव कम होते हैं. यह भी पढ़ें : Father’s Day 2024: हमारे पिता हमारे चीयर्स लीडर, हमारे आदर्श हैं. जानें पितृत्व-दिवस के रोचक इतिहास, प्रेरक महत्व और शानदार सेलिब्रेशन के बारे में
मूड बेहतर बनाता है: भुजंगासन के
नियमित अभ्यास से एंडोर्फिन और अन्य सकारात्मक हार्मोनों का स्राव बढ़ता है, जिससे मूड बेहतर होता है. इसके अलावा ध्यान से अवसाद के लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है. ध्यान और कुछ विशेष आसनों के माध्यम से मानसिक स्पष्टता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है, इससे कार्यक्षमता और निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है. यह भी पढ़ें :
अनिद्रा रोग: बालासन एव शवासन से श्वास और विश्राम तकनीकों का प्रयोग अनिद्रा और नींद की अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद करता है. इससे शरीर और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिससे नींद की गुणवत्ता अच्छी होती है.
योग से स्वास्थ्य लाभ
शरीर में लचीलापन: मार्जरी आसन के नियमित एवं विभिन्न आसन करने से शरीर लचीला और मजबूत बनता है. इस वजह से शरीर की स्थिरता और संतुलन में सुधार होता है.
ह्रदय रोग का जोखिम: प्राणायाम करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है, जिससे हार्ट बीट सुचारू रहता है, और हृदय रोगों का जोखिम कम करता है।
श्वसन तंत्र: प्राणायाम से ही फेफड़ों की क्षमता और श्वसन तंत्र मजबूत रहता है, इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति क्षमता बढ़ती है और सांस संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है.
मोटापा: सुबह शाम कोणासन
करने से मेटाबॉलिज्म (चयापचय) में सुधार होता है, जिससे वजन को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है. इसके नियमित अभ्यास से शरीर में वसा की मात्रा कम होती है.
प्रतिरक्षा प्रणाली: उष्ट्रासन के निरंतर अभ्यास से प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता में सुधार होता है. यह शरीर को विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है.
इस तरह हम देखते हैं कि नियमित योग एक समग्र अभ्यास है जो मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.