रेड क्रॉस एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो युद्ध में घायल सैनिकों की सहायता करती है. संगठन का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन की रक्षा करना है. किसी युद्ध या अन्य मुसीबतों में फंसे लोगों की सहायता करना है.
विश्व रेड क्रॉस दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है. दरअसल 08 मई 1828 में जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में हेनरी ड्यूनेन्ट का जन्म हुआ था, उन्होंने रेड क्रॉस संगठन की स्थापना की थी. इसलिए यह दिवस उन्हीं के नाम समर्पित है. रेड क्रॉस एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो युद्ध में घायल सैनिकों की सहायता करती है. संगठन का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन की रक्षा करना है. किसी युद्ध या अन्य मुसीबत में फंसे लोगों की सहायता करना है. पहली बार रेड क्रॉस दिवस 1948 में मनाया गया था, लेकिन विश्व रेड क्रॉस दिवस को आधिकारिक स्वीकृति साल 1948 में मिली थी. इस संगठन की 74 वर्षगांठ के अवसर पर आइये जाने इस दिवस विशेष का इतिहास, महत्व एवं उद्देश्य क्या है.
विश्व रेड क्रॉस दिवस का इतिहास एवं महत्व
विश्व रेडक्रॉस दिवस वस्तुतः प्रथम नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हेनरी डुनेंट के जन्म के दिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. क्योंकि रेड क्रॉस संगठन की स्थापना उन्होंने ही की थी. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटी (IFRC) की स्थापना 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के बाद पेरिस में हुई थी. उस समय संस्थापक सदस्यों में प्रमुख था ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका. गुजरते वक्त के साथ सदस्यों की संख्या बढ़ते हुए 190 पहुंच गई. आज तकरीबन हर देश में रेड क्रॉस संगठन कार्यरत है. पहला रेड क्रॉस दिवस हेनरी ड्यूनेन्ट के जन्मदिन की सालगिरह 8 मई, 1948 को मनाया गया. लेकिन आधिकारिक तौर पर 1984 में वर्ल्ड रेडक्रॉस और वर्ल्ड क्रिसेंट डे के रूप में मनाया गया
विश्व रेडक्रॉस दिवस का उद्देश्य
विश्व रेड क्रॉस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट मूवमेंट के सिद्धांतों को आगे बढ़ाना है. यह दिन ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी’ के वॉलंटियर और उनके काम को समर्पित होता है. इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य प्राकृतिक आपदा या युद्ध की स्थिति में फंसे लोगों की मदद कर, उन्हें इससे बाहर निकालना और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है.
कोरोना काल में रेड क्रॉस की भूमिका!
विश्व रेड क्रॉस दिवस का मुख्य उद्देश्य युद्ध में घायल सैनिकों और नागरिकों की सुरक्षा कर उसकी जान बचाना है. कोरोना काल में रेड क्रॉस का महत्व देखने को मिला, क्योंकि कोरोना के खतरनाक संक्रमण को खत्म करने और मरीजों को बचाने के लिए रेड क्रॉस संगठन ने युद्ध स्तर पर काम किया और अभी भी कर रही है. यह संस्था किसी एक देश विशेष ही नहीं बल्कि दुनिया भर में कोरोना ग्रस्त मरीजों की सेवा में रत थी. इस दरम्यान संगठन की ओर से गरीबों को मुफ्त मास्क, ग्लव्स, आवश्यक औषधियां और सेनिटाइजर डिस्ट्रीब्यूट किये गये