World Hypertension Day 2025: उक्त रक्तचाप को ‘साइलेंट किलर’ क्यों कहते हैं? जानें इस दिवस का इतिहास, महत्व एवं लक्षण आदि के बारे में!

  मेडिकल की दुनिया में उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है. यह दबे पांव व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है, और अपने साथ तमाम तरह की बीमारियां भी लेकर आता है. यही वजह है कि इसके महत्व को देखते हुए हर वर्ष 17 मई को विश्व रक्तचाप दिवस मनाया जाता है. यह दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने उच्च रक्तचाप की जांच समय-समय पर करते रहना चाहिए, ताकि इसे अनियंत्रित होने से रोका जाये, और समय रहते जीवन को सुरक्षित रख सके. विश्व रक्तचाप दिवस के अवसर पर आइये जानते हैं, इसके इतिहास, उद्देश्य, उच्च रक्तचाप के लक्षण, बचाव आदि के बारे में..

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस का इतिहास

  विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की शुरुआत विश्व उच्च रक्तचाप लीग (World Hypertension League) द्वारा 14 मई 2005 को की गई थी, लेकिन अगले वर्ष यानी साल 2006 में इस दिवस को 17 मई को मनाने की घोषणा की गई. इसके बाद से निरंतर 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जा रहा है यह भी पढ़ें : National Dengue Day 2025: डेंगू आया तो घबराएं नहीं, अपनाएं ये आसान उपाय!

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस का उद्देश्य

   उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि अकसर इसके प्रारंभिक लक्षणों के बारे में पता नहीं चल पता, और यह जानलेवा बीमारी का कारण बन जाता है. विश्व रक्तचाप दिवस लोगों को उच्च रक्तचाप, एवं इसके खतरों और यह बताने के लिए समर्पित है कि कैसे आसान उपाय करके इस गंभीर खतरे से बचा जा सकता है. अक्सर लोग उच्च रक्तचाप को छोटी-मोटी समस्या मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यही लापरवाही यानी यानी उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और यहां तक कि दृष्टि हानि तक का कारण बन सकता है. विश्व उच्च रक्तचाप दिवस हमें याद दिलाता है, कि इसके लक्षणों को अनदेखा करने के बजाय जरा सी शंका होने पर तत्काल हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए.

उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण

   उच्च रक्तचाप की स्थिति में व्यक्ति विशेष को कुछ भी असामान्य महसूस नहीं होता है. यहां उच्च रक्तचाप के कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में बताया गया है.

सिर दर्द (आमतौर पर प्रातःकाल के समय) 

चक्कर आना या हल्का सिर दर्द

आंखों से स्पष्ट नहीं दिखाई देना

सीने में दर्द या जकड़न महसूस होना

जल्दी थकान लगना

सांस लेने में भारीपन महसूस होना

नाक से रक्त का आना (गंभीर मामलों में)

उल्टी सी महसूस होना