World Aids Day 2021: कब है विश्व एड्स दिवस? जानें एड्स का पहला मरीज कौन था और क्या है इस दिवस विशेष को मनाने का उद्देश्य?
प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस सेलीब्रेट किया जाता है. यह दुनिया भर के एचआईवी (HIV) पीड़ितों को जीवन को सामान्य बनाने हेतु प्रोत्साहित करने, उनके प्रति समर्थन और संवेदना जुटाने तथा एड्स से जान गंवाने वालों को याद करने का अवसर है. आज से 33 वर्ष पूर्व यानी 1988 में पहली बार विश्व एड्स दिवस मनाया गया था....
World Aids Day 2021: प्रत्येक वर्ष 1 दिसंबर के दिन विश्व एड्स दिवस सेलीब्रेट किया जाता है. यह दुनिया भर के एचआईवी (HIV) पीड़ितों को जीवन को सामान्य बनाने हेतु प्रोत्साहित करने, उनके प्रति समर्थन और संवेदना जुटाने तथा एड्स से जान गंवाने वालों को याद करने का अवसर है. आज से 33 वर्ष पूर्व यानी 1988 में पहली बार विश्व एड्स दिवस मनाया गया था. गौरतलब है कि यह लाईलाज बीमारी है, और रक्त के माध्यम से तेजी से फैलती है. गौरतलब है कि चार दशक से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद एड्स पर नियंत्रण पानेवाला वैक्सीन नहीं बन सका है. आज हम एड्स दिवस के संदर्भ में कुछ तथ्यपरक बात करेंगे. यह भी पढ़ें: World AIDS Day 2021 HD Images: वर्ल्ड एड्स डे पर फैलाएं जागरूकता, शेयर करें ये हिंदी WhatsApp Messages, GIFs, Photo SMS और Wallpapers
कहां से आई यह जानलेवा महामारी
क्या आप जानते हैं कि एड्स का पहला शिकार कौन और किस देश का था? इस संदर्भ में कई रिपोर्ट सामने आ चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एड्स का पहला केस साल 1981 किन्शासा शहर में देखने को मिला था. प्राप्त जानकारी के अनुसार किन्शासा बुशमीट का विशाल मार्केट है. कहा जाता है कि वहीं से संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से इस बीमारी ने इंसानों को अपनी चपेट में लिया. वहीं अमेरिका के सेंट फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के अनुसार एड्स का वायरस समलैंगिक युवकों के आपसी दैहिक संबंध बनाने के कारण फैला. लगभग चालीस साल पूर्व 1981 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के लॉस एंजिलिस के पांच युवकों में यह वायरस डिटेक्ट हुआ था, जिसमें पहला केस गैटन दुगास नामक युवक में पाया गया. वह पेशे से एक कैनेडियन फ्लाइट में अटेंडेंट का कार्य करता था. माना जाता है कि गैटन दुगास ने खुद को एड्स पीड़ित घोषित होने के बावजूद कई लोगों से जानबूझ कर दैहिक संबंध बनाये, इसीलिए उसे पेशेंट जीरो नाम भी दिया गया था. सूचनानुसार अमेरिका में जब यह बीमारी सुर्खियों में आई तब पहले 8 सालों तक एड्स के 92 प्रतिशत मरीज पुरुष ही होते थे, बाद में सेक्स के माध्यम से महिलाएं भी इसका शिकार बनीं.
विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य?
गौरतलब है कि एचआईवी संक्रमण एक खतरनाक एवं जानलेवा बीमारी है. अमूमन यह असुरक्षित यौन संबंधों के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है. इसलिए इस पर नियंत्रण पाने के लिए इस महामारी के बारे में हर उम्र के लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है. इस संदर्भ में जगह-जगह हेल्थ सेंटरों पर इससे रिलेटेड कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
कैसे मनाएं विश्व एड्स दिवस
विश्व एड्स दिवस के दिन दुनिया भर में एचआईवी ग्रस्त लाखों लोगों के बीच एकजुटता दिखाने का एक अवसर होता है. इस दिन लोग दिन में एचआईवी जागरूकता का प्रतीक लाल रिबन बांह अथवा सीने पर लगाते हैं. यह लाल रिबन किसी भी कॉस्मेटिक्स अथवा मेडिकल की दुकान अथवा ऑन लाइन मंगाई जा सकती है. चूंकि यह बीमारी शुरुआत में पता नहीं चलती, इसलिए इसका पता करने के लिए कि अमुक व्यक्ति को एड्स है या नहीं, उसे अपना टेस्ट करवा लेना चाहिए. चिकित्सकों को भी मानना है कि अगर सही समय पर एड्स का पता चल जाये तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
क्या हैं इसके लक्षण?
इसे दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि आज भी लोग एड्स को लेकर बहुत ज्यादा गंभीर नहीं हैं. दैहिक संबंध बनाते समय एहतियात नहीं बरता जाता. इसके अलावा इस बीमारी के लक्षणों को ज्यादातर लोग नजरंदाज करते हैं, और इस तरह यह एक से दूसरे में फैलता जाता है. एड्स के प्रारंभिक लक्षण हैं बुखार, ग्रंथियों में सूजन, गले में खराश, रात में बहुत ज्यादा पसीना आना, मासंपेशियों में दर्द का बना रहना, बिना वजह थकान एवं शरीर पर चकत्ते. चिकित्सकों की चेतावनी है कि इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह लें.