World AIDS Day 2019: एड्स को लेकर सतर्क अवश्य रहें, मगर भ्रातिंयां न पालें, जानें क्या-क्या करने से एड्स नहीं फैलता!
एड्स को लेकर लगभग हर व्यक्ति के मनो-मस्तिष्क में तरह-तरह की शंकाएं एवं दुविधाएं रहती हैं. लोग खुल कर इस बीमारी के बारे में बात करने में झिझकते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि एड्स से जुड़ी बेतुकी बातों को बल मिलता है और व्यक्ति तमाम मिथक को भी सच मानते हुए उस पर विश्वास करने लगते हैं.
World AIDS Day 2019: एड्स को लेकर लगभग हर व्यक्ति के मनो-मस्तिष्क में तरह-तरह की शंकाएं एवं दुविधाएं रहती हैं. लोग खुल कर इस बीमारी के बारे में बात करने में झिझकते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि एड्स से जुड़ी बेतुकी बातों को बल मिलता है और व्यक्ति तमाम मिथक को भी सच मानते हुए उस पर विश्वास करने लगते हैं. लोग एड्स की सच्चाई और वास्तविकताओं से वे अनजान रह जाते हैं. ऐसे में एड्स से जुड़ी सच्चाइयों को जन सामान्य लोगों तक पहुंचाना जरूरी होता है. इन्हीं दुविधाओं को दूर करने के लिए 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है.
एड्स का पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम'. यह बीमारी एच.आई.वी. वायरस से होती है, जो व्यक्ति विशेष की प्रतिरोधी क्षमता को कमज़ोर करता है. एड्स एच.आई.वी. पाजी़टिव गर्भवती महिला से उसके बच्चे को असुरक्षित यौन संबंध से या संक्रमित रक्त अथवा संक्रमित इंजेक्शन के प्रयोग से हो सकता है.
एच.आई.वी. पाजी़टिव का आशय
एच.आई.वी. पॉजी़टिव का अर्थ है, एड्स के वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं है कि आप एड्सग्रस्त हो चुके हैं. एच.आई.वी. पॉजीटिव रिपोर्ट आने के 6 माह से 10 साल के बीच में कभी भी व्यक्ति एड्सग्रस्त हो सकता है, इसलिए एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद तुरंत पीड़ित व्यक्ति का इलाज शुरू कर देना चाहिए और जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए.
एक स्वस्थ व्यक्ति अगर एच.आई.वी. पॉजीटिव के संपर्क में आता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है. ऐसे में सबसे बड़ी समस्या यह होती है, कि एच.आई.वी. पॉजि़टिव को इस बीमारी का पता तब तक नहीं चलता, जब तक इसके लक्षण नजर नहीं आते. एड्स को लेकर आज भी तमाम तरह के भ्रांतिया समाज में व्याप्त हैं, इन भ्रांतियों को हर व्यक्ति को जानना जरूरी है, ताकि एड्स की सच्चाई जगजाहिर हो सके. यहां एड्स से जुड़ी कुछ भ्रांतियों का खुलासा करने की कोशिश की जा रही है.
* अनजान लोगों से सेक्स करने से एचआईवी हो सकता है.
लोगों के दिमाग में यह बात गहराई तक जम चुकी है कि बाहरी लोगों से ज्यादा सेक्स करने से एचआईवी हो सकता है. सच्चाई यह है कि सिर्फ एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आने से एचआईवी की संभावनाएं रहती हैं. असुरक्षित सेक्स अथवा इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन, एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने या अंग विशेष के ट्रांसप्लांट से ही एचआईवी फैलता है. यदि प्रेग्नेंसी के समय मां एचआईवी वायरस से पीड़ित है तब बच्चा भी एचआईवी पॉजिटिव हो सकता है.
* एचआईवी पॉजिटिव का अर्थ निश्चित मौत नहीं है
एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का अगर नियमित इलाज हो तो वह सुरक्षित जीवन जी सकता है, बस उसे चिकित्सक के साथ निरंतर संपर्क में रहना चाहिए. इसमें लापरवाही घातक साबित हो सकता है.
* एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति भी सेक्स कर सकते हैं
एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति अगर कंडोम का इस्तेमाल करें तो सुरक्षित सेक्स कर सकते हैं.
* पॉजिटिव पीड़ित से किस करने से फैलता है एड्स
एचआईवी पॉज़िटिव पीड़ित व्यक्ति के सलाइवा में वायरस की मात्रा बहुत कम होती है. इसलिए ऐसे लोगों से किस करने से सामने वाले व्यक्ति को एचआईवी नहीं होता.
* एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के पास रहने से होता है एड्स
एचआईवी वायरस हवा के माध्यम से संक्रमित नहीं होता. अगर एचआईवी पीड़ित व्यक्ति आपके सामने खांसता अथवा थूकता है तो इससे उसके वायरस से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता. साथ ही यह भी जान लें कि एचआईवी पीड़ित व्यक्ति को गले लगाने अथवा हाथ मिलाने से भी आप उसके वायरस के प्रभाव में नहीं आते.
* पानी के माध्यम से संक्रमित होता है एचआईवी
भ्रांति यह भी है कि एचआईवी पीड़ित व्यक्ति अगर किसी स्वीमिंग पूल में स्नान करता है और दूसरा व्यक्ति भी उसी पूल में स्नान करता है तो वह भी उसके वायरस से प्रभावित हो सकता है. एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के कपड़े धोने से भी उसका वायरस प्रभावित नहीं करता. एचआईव पॉजिटिव के इस्तेमाल किए हुए शावर या बाथरूम का इस्तेमाल करने से भी आप उसके वायरस से प्रभावित नहीं होते.
मच्छरों के काटने से भी संक्रमण नहीं फैलता
अगर कोई मच्छर किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को काटने के बाद दूसरे सामान्य व्यक्ति को काटता है तो इससे भी एचआईवी वाइरस का असर नहीं पड़ता. अलबत्ता मच्छरों के काटने से मच्छर जनित रोग मलेरिया, डेंग्यू इत्यादि होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
अगर टैटूज आर्टिस्ट किसी एचआईवी पीड़ित पर टैटूज बनाता है तो इससे उस आर्टिस्ट तक वायरस पहुंचने की कोई संभावना नहीं होती. अलबत्ता अगर आर्टिस्ट किसी एचआईवी पीड़ित को जिस सुई से टैटू बनाता है उसे उस सुई को नष्ट कर देना चाहिए. अगले व्यक्ति को टैटूज नई सुई से बनाना चाहिए.