ज्योतिष में नव ग्रह सूर्य,चंद्रमा, बुध, गुरु, शुक्र शनि, राहु और केतु सभी महत्वपूर्ण माने जाते है. लेकिन इन सारे ग्रहों में शनि देव को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है . शनि के कुप्रभाव से बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक बार शनि की कुदृष्टी अगर किसी पर पड़ गई तो वो जल्दी नहीं जाती और अगर साढ़ेसाती लग गई तो सात साल तक नहीं जाती.
शनि के प्रकोप की वजह से बहुत सारी परेशानियां और बुरे वक्त का सामना करना पड़ता है. इसलिए शनि को प्रसन्न करने के लिए तेल चढ़ाया जाता है. ऐसा कहा जाता है अगर कोई व्यक्ति गरीबों कि मदद करता है तो उसे शनि देव की विशेष कृपा मिलती है. तो आईये आपको बताते हैं शनि को खुश करने के तरीके.
शनिवार को चढ़ाएं तेल : बड़े- बड़े पंडितों और विद्वानों का मानना है की हर शनिवार तेल और तिल चढ़ाने से साढ़ेसाती तो दूर होती ही है. और जिन लोगों पर शनि का कुप्रभाव नहीं होता वो भी तेल चढ़ा सकते हैं. ऐसा करने से उनपर हमेशा शनि की कृपा दृष्टी बनी रहेगी. घोड़े की नाल को मध्यम उंगली में पहनने से भी शनि से जुड़ी सारी परेशानियां दूर हो जाती है.
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मंत्रों का जाप : शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए शनि नाम के मंत्रों का जाप करें. इसके जाप से सभी कार्यों में सफलता मिलेगी. इस मंत्र का जाप 108 बार करने से मुश्किलें हल हो जाती हैं. कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तु ।।
शिवलिंग को जल चढ़ाएं : सुबह उठकर स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर शिवलिंग का अभिषेक करने से भी शनि ग्रह से जुड़ी परेशानियां हल होती है. और उनकी कृपा दृष्टी भी बनी रहती है.
शनि देव को चढ़ाएं नीले फूल : शनिदेव को नीले फूल चढ़ाने चाहिए और रुद्राक्ष की माला से ॐ शं शनिश्चराय नम: का जाप करना चाहिए. ऐसा हर शनिवार करने से साढ़ेसाती और ढय्या से मुक्ति मिलती है.
पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें: सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और सात बार उसकी परिक्रमा लगाएं और दीप प्रज्वलित करें.
आपको हमने जो उपाय बताए हैं साढ़े साती के दौरान यदि इन उपायों को पूरी आस्था और विश्वास के साथ करेंगे तो शनिदेव जरुर प्रसन्न होंगे.