दुख और अकेलेपन का कारण बन सकती हैं आपकी ये आदतें, जानें कैसे पाएं इनसे छुटकारा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

आज के इस दौर में भले ही किसी व्यक्ति के पास सब कुछ हो, लेकिन किसी न किसी वजह से वो अक्सर दुखी (Unhappy) ही नजर आते हैं. हालांकि हमारे रोजमर्जा के जीवन में कई ऐसी चीजें है जो हमें दुख पहुंचाती हैं और अकेलपन (Loneliness) का एहसास दिलाती हैं, लेकिन इसके लिए काफी हद तक हमारी आदतें (Habits) भी जिम्मेदार हो सकती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन ये सच है हमारी खुशहाली हमारी सोच और आदतों पर निर्भर करती है. अगर हम अक्सर अपने दिमाग में नकारात्मक बातें ही सोचते रहेंगे तो उसका असर मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन पर भी पड़ेगा.

अगर आप इन आदतों से छुटकारा पा लेते हैं तो जीवन से दुख और अकेलेपन का अंधेरा भी गायब हो सकता है. चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी आदते हैं जो आपको दुख और अकेलापन दे सकती हैं, ताकि आप उन्हें दूर करके खुशहाली की ओर कदम बढ़ा सकें.

1- नकारात्मक सोच रखना

आप किस माहौल में रहते हैं, किनके साथ उठना-बैठना है और आप क्या देखते या सुनते हैं, इसका आपके व्यक्तित्व व सोच पर गहरा असर पड़ता है. अगर आप ऐसे लोगों से घिरे रहते हैं जो नकारात्मक सोच रखते हैं तो इससे आपके दिलो दिमाग पर नकारात्मकता हावी हो सकती है. इससे बचने के लिए ऐसे लोगों की संगत से बचें जो नकारात्मक सोच रखते हैं या बातें करते हैं. नकारात्मकता से बाहर आने के लिए सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहें, प्रेरणादायक पुस्तके पढ़े और मन को सुकून पहुंचाने वाला मधुर संगीत सुनें. यह भी पढ़ें: जिन लोगों को पसंद है अकेले रहना, बस उन्हीं में पाई जाती हैं ये 7 खूबियां

2- बीती हुई बातों में उलझे रहना

कई लोग अपनी बीती हुई जिंदगी में या पुरानी यादों में खोए रहते हैं. बीती बातों में उलझे रहने की वजह से हमारी ऊर्जा और समय दोनों ही बर्बाद होता है. पुरानी बातें सिर्फ आपको दुख और अकेलापन ही दे सकती हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप उन यादों से बाहर निकले और वर्तमान जीवन का आनंद उठाएं. पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ें और बेहतर भविष्य की बुनियाद रखें. इसके लिए आप योग, ध्यान की मदद से सकते हैं और अच्छे व सकारात्मक लोगों का साथ आपकी सहायता कर सकता है.

3- दूसरों से खुद की तुलना करना

आज के इस दौर में हमारे आस पास कई ऐसे लोग मौजूद हैं जो अक्सर अपनी तुलना दूसरों से करते हैं. अगर आप भी किसी की नौकरी, पहनावे, घर, ऐशोआराम से अपनी तुलना करते हैं तो यकीन मानिए इससे आपको दुख और परेशानी के अलावा कुछ भी नहीं मिलने वाला है. दूसरों से तुलना करने की आदत से आपके दिमाग में नकारात्मक विचार हावी हो सकते हैं. इससे उबरने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपनी तुलना खुद से करें. यह देखें कि आपने कुछ सालों में कितनी तरक्की की है और क्या कुछ हासिल किया है.

4- परफेक्‍शन की चाहत रखना

दुखी होने और अकेलापन महसूस करने की सबसे बड़ी वजह हो सकती है परफेक्शन की चाहत रखना. ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आप जो सोचते हैं या फिर करते हैं वो एकदम परफेक्ट हो. यह हकीकत है कि दुनिया का कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं है और अगर आप भी इस बात को अच्छे से समझ लेंगे तो अच्छा होगा. परफेक्शन की चाहत रखने वालों को उसमें निराशा मिलती है तो वो हीनता के शिकार हो जाते हैं और जीवन में आगे बढ़ने की बजाय पीछे हो जाते हैं.

5- समाधान तलाशने की कोशिश न करना

ऐसे भी कई लोग हैं जो किसी भी समस्या का समाधान तलाशने की बजाय अपनी परेशानियों के बारे में ही सोचते रहते हैं. अगर आप हरदम अपनी परेशानी के बारे में ही सोचते रहेंगे तो समस्या और जटिल होती जाएगी. इससे आपके भीतर असुरक्षा और निराशा के भाव जागने लगेंगे. ऐसे में किसी भी समस्या में घिर जाने पर उसके बारे में सोचते रहने से अच्छा है कि आप उससे बाहर निकलने का कोई समाधान ढूंढें. यह भी पढ़ें: सिंगल लोगों को अक्सर परेशान करती है ये 5 बातें, अकेलेपन को ठीक से नहीं कर पाते हैं एन्जॉय

इसके अलावा कई बार लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि लोग उनके बारे में क्या कहेंगे या क्या सोचेंगे. दूसरे क्या सोचेंगे यह सोचने की आदत आपके लिए मुसीबतें खड़ी कर सकती है और आप नई चीजों के बारे में सोचना ही बंद कर देते हैं. अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाने और खुलकर जीने के लिए इन आदतों से मुक्ति पाने में ही भलाई है, इसलिए लोग क्या कहते हैं यह सोचने में वक्त बर्बाद करने की बजाय अपने हिसाब से अपनी जिंदगी को खुलकर जीना शुरू कर दीजिए.