हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार घर में नियमित देवी दुर्गा की पूजा-साधना होने से साधक को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है, घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, और शुभ फलों की प्राप्ति होती है. प्रत्येक माह दुर्गाष्टमी का आगमन इसी बात का द्योतक है. हिंदू मान्यताओं की मानें तो अष्टमी तिथि माँ दुर्गा को समर्पित है. इस वर्ष सावन माह में दुर्गाष्टमी का व्रत एवं पर्व 13 अगस्त 2024 को मनाया जायेगा. आइये बात करते हैं, सावन में दुर्गाष्टमी की पूजा-विधान के साथ-साथ कुछ सरल उपायों के बारे में, जिससे जातक के जीवन में चल रही तमाम मुश्किलों से मुक्ति मिलेगी.
मूल तिथि, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग
सावन शुक्ल पक्ष अष्टमी प्रारंभः 07.56 AM (12 अगस्त 2024)
सावन शुक्ल पक्ष अष्टमी समाप्तः 09.31 AM (13 अगस्त 2024)
उदया तिथि के अनुसार 13 अगस्त 2024 को दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी.
विभिन्न योगों का निर्माणः अष्टमी तिथि पर ब्रह्म, इंद्र और रवि योग का निर्माण होना एक बड़ी शुभता का संकेत है. इन योगों के संयोग में हर तरह के धार्मिक आयोजन काफी फलदायी मानी जाती है.
सावन मास दुर्गा अष्टमी के दिन इन उपोयों से तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलती है
विवाह में बाधाः किन्हीं कारणों से घर में किसी के विवाह में बाधा आ रही है तो, मासिक दुर्गाष्टमी पर स्नान-दान के पश्चात लाल वस्त्र धारण करें करें. अब विधि-विधान से मां दुर्गा की पूजा करें, पूजा के पश्चात घर की सुहागन स्त्रियां देवी दुर्गा को सिंदूर अर्पित करें. यह उपाय लाभकारी साबित हो सकती है.
कारोबार में निरंतर नुकसानः कारोबार में निरंतर विफलता अथवा नुकसान हो रहा है तो निकटतम दुर्गा मंदिर में जाएं. विधिवत पूजा करते हुए सप्तशती का एक पाठ करें, पांच लौंग और पांच लाल फूल चढ़ाएं. माँ दुर्गा प्रसन्न होंगी. आय के बंद स्त्रोत खुलेंगे.
कर्ज से परेशान हैः कर्ज से मुक्ति नहीं मिल रही है, तो मासिक दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा की पूजा करने के पश्चात कन्या-पूजन करें. गरीबों अथवा जरूरतमंद को अन्न, धन और वस्त्र दान करें. उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. आय में वृद्धि होगी, और शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिल सकती है.
घर की कोई बात व्यथित कर रही होः अकसर घरों में कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिसकी वजह से मन परेशान रहता है, मगर किसी से अपनी परेशानी शेयर नहीं कर पा रहे हैं, तो दुर्गाष्टमी के मां दुर्गा की पूजा करते हुए उन्हें लाल रंग की चुनरी चढ़ाएं. दुर्गा जी के निम्न मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें. मन की सारी परेशानियां दूर होंगी.
‘सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्य त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।‘
व्यवसाय यात्रा पर निकल रहे हैः किसी महत्वपूर्ण व्यवसायिक कार्य से यात्रा शुरु कर रहे हैं, अथवा संकट से उबरने के लिए यात्रा पर निकल रहे हैं तो उससे पूर्व की दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा को लाल रंग का चुनरी चढ़ाएं, और निम्न नर्वाण मंत्र का 21 बार जाप करें. अंत में दुर्गा जी की आरती उतार कर पूजा सम्पन्न करें.
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै'.